किरावली। पीआरडी जवानों के ड्यूटी भत्ते और मानदेय भुगतान में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी का मामला सामने आया है। आरोप है कि मस्ट्रोल (ड्यूटी भत्ता भुगतान रजिस्टर) में फर्जी हस्ताक्षर और फर्जी मुहर लगाकर शासकीय धनराशि का गबन किया गया। शिकायतकर्ता ने इस पूरे प्रकरण की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।
जानकारी के अनुसार, सितंबर 2024 में थाना न्यू आगरा में तैनात पीआरडी स्वयंसेवकों के भत्ते भुगतान हेतु बनाए गए मस्ट्रोल में विकास खंड अछनेरा के गोपाल सिंह पुत्र फूल सिंह और अनूप सिंह पुत्र रामहेत के नाम दर्ज हैं। लेकिन आरोप है कि इस अवधि में दोनों ने कोई ड्यूटी नहीं की। मस्ट्रोल पर बीओ पीआरडी हिमांशी के हस्ताक्षर और मुहर भी नहीं पाई गई।
शिकायतकर्ता ने दावा किया कि अनुपस्थित जवानों को उपस्थित दिखाकर थाना प्रभारी और थाना की फर्जी मुहर व हस्ताक्षर से भुगतान कराया गया और बाद में धनराशि वापस निकाल ली गई। इसी तरह फरवरी 2024 में भी गड़बड़ी सामने आई। आरोप है कि एक ही जवान की ड्यूटी केन्द्रीय हिन्दी संस्थान आगरा में दर्ज थी और वहाँ से उसका मानदेय सीधे बैंक खाते में भुगतान भी हुआ। इसके बावजूद उसी माह के शाहगंज थाना के मस्ट्रोल में भी उसका नाम जोड़कर मानदेय की राशि उसी खाते में भेजी गई और बाद में निकाल ली गई।
शिकायतकर्ता ने सवाल उठाया कि एक ही माह में एक ही जवान दो जगह कैसे ड्यूटी कर सकता है। उनका कहना है कि यदि फरवरी 2024 से अब तक सभी 47 थानों और यातायात इकाइयों में तैनात पीआरडी जवानों के ड्यूटी आदेश और मस्ट्रोल का मिलान कराया जाए, तो पूरा फर्जीवाड़ा उजागर हो जाएगा।
इस प्रकरण ने विभागीय कार्यप्रणाली और पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। फिलहाल विभागीय स्तर पर इस मामले पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।