राष्ट्रपति ने स्वीकार किया हरसिमरत कौर का इस्तीफा

नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind) ने खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री हरसिमरत कौर बादल (Harsimrat Kaur Badal) के इस्तीफे को स्वीकार कर लिया है। इसके साथ ही राष्ट्रपति ने केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) को उनके मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार सौंपा है।

शुक्रवार को जारी विज्ञप्ति में कहा गया, प्रधानमंत्री मोदी की सलाह पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने संविधान के अनुच्छेद 75 के क्लॉज (2) के तहत तत्काल प्रभाव से हरसिमरत कौर बादल के इस्तीफे को स्वीकार कर लिया है। राष्ट्रपति के विज्ञप्ति में यह भी कहा गया है, प्रधानमंत्री द्वारा दी गई सलाह पर राष्ट्रपति ने निर्देश दिया है कि, कैबिनेट मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को उनके मौजूदा विभागों के अलावा, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय का भी प्रभार दिया जाए।

लोकसभा में गुरुवार को दो कृषि विधेयक पारित हुए

बता दें कि, विपक्ष और सहयोगी शिरोमणि अकाली दल के विरोध के बावजूद मोदी सरकार ने गुरुवार को कृषि से संबंधित दो बिल लोकसभा से पास करा लिए। मानसून सत्र के चौथे दिन पास किए गए बिल- कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) विधेयक, 2020 और कृषि सेवाओं पर किसान (सशक्तिकरण और संरक्षण) समझौता एवं मूल्य आश्वासन बिल, 2020 हैं।

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किसानों के साथ खड़े होने पर गर्व है- हरसिमरत

कृषि बाजारों को उदार बनाने के लिए लाए गए नए कानून के विरोध में हरसिमरत कौर ने गुरुवार को ही केंद्रीय मंत्रिमंडल से अपना इस्तीफा दिया था। हरसिमरत कौर ने ट्वीट कर कहा था, मैंने किसान विरोधी अध्यादेशों और कानून के विरोध में केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है। किसानों के साथ उनकी बेटी और बहन के रूप में खड़े होने पर गर्व है।

कृषि विधेयकों के विरोध में शिरोमणि अकाली दल

एनडीए में शामिल और बीजेपी की सहयोगी शिरोमणि अकाली दल (SAD) इन कृषि विधेयकों का विरोध कर रहा है। गुरुवार को जब बिल लोकसभा में पेश किया गया तब शिरोमणि अकाली दल के सांसद सुखबीर सिंह बादल ने भी विरोध जताते हुए कहा था, हरसिमरत कौर मंत्रीपद से इस्तीफा देंगी। हालांकि, SAD का सरकार को समर्थन जारी रहेगा।

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किसानों के हितों से समझौता नहीं करेगी हमारी पार्टी- हरसिमरत कौर

वहीं हरसिमरत कौर ने पीएम मोदी को सौंपे इस्तीफे में अपनी पार्टी और किसानों को एक दूसरे का पर्याय बताया है। उन्‍होंने कहा, किसानों के हितों से उनकी पार्टी किसी तरह का समझौता नहीं कर सकती।