
लखनऊ। भ्रष्टाचार के खिलाफ लगातार आवाज उठाने वाले पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर संदिग्ध परिस्थितियों में लापता होने के बाद अब उनके देवरिया में दर्ज एक पुराने मुकदमे में गिरफ्तार किए जाने की जानकारी सामने आई है। सोमवार सुबह यह मामला तब गंभीर हो गया जब उनके परिजन किसी भी तरह उनका पता नहीं लगा पा रहे थे।
जानकारी के अनुसार, अमिताभ ठाकुर लखनऊ से दिल्ली जा रहे थे। रास्ते में शाहजहांपुर के पास ट्रेन से 10–15 लोगों ने उन्हें जबरन उतार लिया। ट्रेन स्टाफ से पूछताछ पर पता चला कि यह लोग सिविल पुलिस के होने की संभावना है, जबकि आरपीएफ या रेलवे पुलिस से उनका कोई संबंध नहीं बताया गया। इन लोगों ने न तो अपना परिचय दिया, न यह बताया कि अमिताभ को कहां ले जाया जा रहा है। इससे उनके साथ किसी अनहोनी की आशंका गहराती चली गई।
पूरे प्रकरण में परिवार भी अनभिज्ञ रहा। उनकी पत्नी नूतन ठाकुर—जो स्वयं सामाजिक कार्यकर्ता और आरटीआई एक्टिविस्ट हैं—ने सुबह तक किसी आधिकारिक सूचना न मिलने पर चिंता व्यक्त की थी। बाद में लखनऊ के तालकटोरा थाना प्रभारी ने फोन कर नूतन ठाकुर को बताया कि अमिताभ ठाकुर को देवरिया में दर्ज एक पूर्व मामले की एफआईआर के आधार पर गिरफ्तार किया गया है और उन्हें देवरिया ले जाया जा रहा है।
नूतन ठाकुर ने कहा कि उन्होंने कई बार मामले के आईओ (तफ्तीश अधिकारी) के बारे में जानकारी लेने की कोशिश की ताकि कानूनी रूप से अपना पक्ष रख सकें, लेकिन उन्हें कोई सूचना नहीं दी गई। उनके अनुसार, पूरे मामले को जानबूझकर रहस्यमय बनाकर रखा गया, जबकि इसी एफआईआर में उन्हें भी आरोपी बनाया गया है।
अमिताभ ठाकुर की गिरफ्तारी और ट्रेन से उतारे जाने की घटना ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। फिलहाल परिवार और समर्थक मामले की पूरी सच्चाई सामने आने का इंतजार कर रहे हैं।