पुतिन बोले: अमेरिका-रूस पर वैश्विक शांति का खास दायित्व
क्रेमलिन की तरफ से मंगलवार को जारी बयान में कहा गया- “नव-निर्वाचित राष्ट्रपति की सफलता को लेकर व्लादिमीर पुतिन ने शुभकामना दी है और यह विश्वास जाहिर किया है कि रूस और अमेरिका जिस पर वैश्विक शांति और स्थिरता का खास दायित्व है, वे मतभेदों को बावजूद जिन चुनौतियों और समस्याओं का दुनिया सामना कर रही है उसके समाधान में ये दोनों देश वाकई योगदान दे सकते हैं.”
पुतिन ने आगे कहा कि “रूस-अमरिका का सहयोग समानता और आपसी सम्मान के सिद्धांत पर आधारित है जो दोनों देश और पूरी वैश्विक समुदाय के हितों पर खड़ा उतरेगा.” रूस के राष्ट्रपति ने आगे कहा- “मेरी तरफ से, मैं आपके साथ सहयोग और संपर्क के लिए तैयार हूं.”
निर्वाचन मंडल ने अमेरिका के अगले राष्ट्रपति के रूप में बाइडन के नाम की पुष्टि की
अमेरिका के निर्वाचन मंडल ने जो बाइडेन को देश के राष्ट्रपति और भारतीय मूल की सीनेटर कमला हैरिस को उपराष्ट्रपति पद के लिए बहुमत देकर उनकी जीत की औपचारिक पुष्टि कर दी, जिसके बाद बाइडन ने कहा कि ‘‘अब एकजुट होने, जख्मों को भरने और पन्ना पलटने’’ का समय आ गया है. इसके साथ ही निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की उस कानूनी लड़ाई को विराम लग गया, जिसमें चुनाव में व्यापक स्तर पर धोखाधड़ी होने का आरोप लगाया गया था.
कानून के अनुसार, निर्वाचन मंडल की बैठक दिसंबर के दूसरे बुधवार के बाद आने वाले पहले सोमवार को होती है. इस दिन सभी 50 राज्यों और डिस्ट्रिक्ट ऑफ कोलंबिया के निर्वाचक अपना मत डालने के लिए बैठक करते हैं। राष्ट्रपति पद का चुनाव तीन नवंबर को हुआ था. बाइडेन ने 538 सदस्यीय निर्वाचन मंडल के 270 से अधिक मत हासिल करके बहुमत हासिल कर लिया. हालांकि, निर्वाचन मंडल की बैठक मात्र औपचारिकता होती है, लेकिन यह बैठक इस साल पहले की तुलना में अधिक चर्चा में रही, क्योंकि देश के मौजूदा राष्ट्रपति ट्रंप ने हार स्वीकार करने से इनकार कर दिया और चुनाव में धोखाधड़ी के आरोप लगाए हैं.
बाइडेन ने कहा- अमेरिका के लोकतंत्र की ली गई परीक्षा
बाइडेन ने कहा कि अमेरिका के लोकतंत्र की परीक्षा ली गई और उसे खतरा पैदा किया गया, लेकिन देश का लोकतंत्र ‘‘सच्चा और मजबूत साबित’’ हुआ. बाइडेन ने कहा, ‘‘देश में बहुत समय पहले ही लोकतंत्र की मशाल जल चुकी थी और अब हम जान चुके हैं कि लोकतंत्र की इस मशाल को कोई वैश्विक महामारी या सत्ता का दुरुपयोग बुझा नहीं सकता.’’
उन्होंने कहा, ‘‘अमेरिका की आत्मा के लिए हुई लड़ाई में लोकतंत्र की जीत हुई. लोगों ने मतदान किया. हमारे संस्थानों में विश्वास कायम रहा. हमारे चुनावों की अखंडता बरकरार रही और इसलिए अब पन्ना पलटने का समय आ गया है। अब एकजुट होने, जख्मों को भरने का समय आ गया है.’’ बाइडेन ने कहा, ‘‘मैंने और उपराष्ट्रपति हैरिस ने निर्वाचन मंडल के 306 मत हासिल किए, जो जीत हासिल करने के लिए आवश्यक 270 मतों से बहुत अधिक है. ट्रंप और माइक पेंस को भी 2016 में इतने ही मत मिले थे. उस समय राष्ट्रपति ट्रंप ने इसे ऐतिहासिक जीत बताया था. उनके स्वयं के मानकों के अनुसार, यह संख्या स्पष्ट जीत दर्शाती है.’’
बाइडन 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद संभालेंगे
बाइडेन ने कहा कि ट्रंप की कार्रवाई ने अमेरिका के मूल लोकतांत्रिक मूल्यों की अवहेलना की और इससे सत्ता का शांतिपूर्ण हस्तांतरण भी प्रभावित हुआ. उन्होंने कहा कि अमेरिका के दिशा निर्देशक सिद्धांत हमेशा अक्षुण्ण बने रहेंगे. बाइडेन ने कहा, ‘‘अमेरिका में जनता का शासन होता है और जनता ही किसी नेता को सत्ता की बागडोर संभालने का अधिकार देती है.’’