रामभक्त गोपाल की ज़मानत याचिका खारिज
नई दिल्ली। पिछले साल 2020 में जामिया में सीएए का विरोध करने वाले छात्रों पर गोली चलाने वाला राम भक्त गोपाल डे़ढ़ साल बाद 4 जुलाई 2021 को हरियाणा के पटौदी में भड़काऊ भाषण देने के मामले में वह एक बार फिर चर्चाओं में दिखा। दरअसल गोपाल शर्मा उर्फ रामभक्त गोपाल हरियाणा के पटौदी में एक महापंचायत में लोगों को भड़काता हुआ दिखा जिसमें वह साफ एक समुदाय की महिलाओं के खिलाफ बोलता हुआ सुना जाता है। जिसके बाद 12 जुलाई को उसकी गिरफ्तारी हो गई थी।
कोर्ट ने याचिका की खारिज
16 जुलाई को गुरुग्राम की एक अदालत ने राम भक्त गोपाल की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए गोपाल की जमानत याचिका सिरे से खारिज कर दी और फटकार लगाते हुए यह भी कहा कि अभद्र भाषा के जरिये धर्म के प्रति नफरत फैलाने वाले ऐसे असामाजिक तत्वों को ये बताने का समय आ गया है कि कानून का राज आज भी कायम है। साथ ही कोर्ट ने कहा कि,
‘आम आदमी के भरोसे को वापस पाना होगा। ये भी बताना होगा कि राज्य का चरित्र धर्मनिरपेक्ष है और वो ऐसे व्यक्ति का समर्थन नहीं करता जो किसी धर्म या जाति के नाम पर नफरत फैला रहा हो.’
महामारी से भी ज्यादा खतरनाक ऐसे लोग है
बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक, कोर्ट ने ये भी कहा कि इन दिनों किसी धर्म या जाति को लेकर भड़काऊ भाषण फैशन बन गया है। कोर्ट ने कहा, ‘ऐसा करने वाले लोग देश को महामारी से भी ज्यादा नुकसान पहुंचा रहे हैं।’