खानापट्टी में रामकथा का भव्य समापन: अंतिम दिन के प्रसंगों ने बांधा भक्तों का मन

सिकरारा (जौनपुर)।खानापट्टी गांव के रामलीला मैदान में आयोजित सात दिवसीय संगीतमय श्रीरामकथा का समापन मंगलवार की रात भक्ति, संगीत और अध्यात्म के अद्भुत संगम के साथ हुआ।
अंतिम दिन की कथा में लंका विजय, अयोध्या वापसी, राज्याभिषेक और रामराज्य के प्रसंगों ने हजारों श्रद्धालुओं को भाव-विभोर कर दिया।

कथावाचक संतोष शरण महाराज और उनकी मंडली ने जब पुष्पक विमान से राम के अयोध्या आगमन का दृश्य प्रस्तुत किया, तो पूरा मैदान “जय सियाराम” के उद्घोषों से गूंज उठा।
राम-सीता विवाह, जनकपुर बारात और अयोध्या दीपोत्सव के प्रसंगों के बीच जब “राम तारक मंत्र जप” और “अयोध्या नरेश राम आएंगे” जैसे भजन गूंजे, तो श्रद्धालु झूम उठे।

संगीत संयोजन में उमेश शास्त्री और आशुतोष महाराज ने तबला, मृदंग और वायलिन के माध्यम से ऐसा रस रचा कि वातावरण भक्ति से सराबोर हो गया।
एक श्रद्धालु ने भावुक होकर कहा, “ऐसा लगा जैसे स्वयं श्रीराम हमें धर्म, मर्यादा और करुणा का संदेश दे रहे हों।”

कार्यक्रम का समापन मुख्य यजमान डॉ. जोखन सिंह और उनकी धर्मपत्नी द्वारा व्यासपीठ पूजन से हुआ।
उनके पुत्र अमित सिंह (प्राथमिक शिक्षक संघ जिलाध्यक्ष) और प्रधान प्रतिनिधि सुशील सिंह ने कथावाचक संतोष शरण महाराज व पूरी मंडली को अंगवस्त्र और स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।
समारोह में संरक्षक दिनेश सिंह ने कहा—“यह कथा गांव की एकता, आस्था और संस्कृति का उत्सव है।”

अवसर पर बीडीसी रजनीश सिंह, पत्रकार शरद सिंह, विजय सिंह झब्बर, अनंत सिंह, अवधेश सिंह, वेदप्रकाश सिंह, जयप्रकाश सिंह, सौरभ सिंह, अरविंद सिंह लल्ला, ओमनाथ सिंह, अरविंद सिंह (नेता), गौरव सिंह (लेखपाल) सहित बड़ी संख्या में गणमान्य उपस्थित रहे।
कथा के बाद श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरण किया गया।

सात दिनों से चली यह श्रीरामकथा कलश यात्रा से आरंभ होकर राम जन्मोत्सव, वनवास, सीता हरण, लंका दहन और राज्याभिषेक जैसे प्रसंगों के साथ खानापट्टी को पूरी तरह राममय कर गई।