अवधी विकास संस्थान द्वारा ‘एक शाम राजू श्रीवास्तव के नाम’

लखनऊ। अवधी भाषा, संस्कृति और लोककलाओं के संरक्षण व संवर्धन के लिए निरंतर सक्रिय अवधी विकास संस्थान की ओर से विश्वविख्यात हास्य कलाकार, पद्मश्री से सम्मानित एवं उत्तर प्रदेश राज्य फिल्म विकास परिषद के पूर्व अध्यक्ष स्वर्गीय राजू श्रीवास्तव की स्मृति में एक भव्य सांस्कृतिक संध्या ‘एक शाम राजू श्रीवास्तव के नाम’ का आयोजन किया जा रहा है। यह आयोजन उनके जन्मदिन (25 दिसंबर) के अवसर पर शुक्रवार, 26 दिसंबर 2025 को सायं 6:30 बजे से राय उमानाथ बली प्रेक्षागृह (भारतखण्डे परिसर), कैसरबाग, लखनऊ में संपन्न होगा।
कार्यक्रम की तैयारियों को लेकर अवधी विकास संस्थान के अध्यक्ष एवं आयोजन समिति के प्रमुख विनोद मिश्रा ने लखनऊ में आयोजित एक प्रेस वार्ता को संबोधित किया। प्रेस वार्ता में उन्होंने कार्यक्रम की रूपरेखा, उद्देश्य, अतिथियों की सूची तथा सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि राजू श्रीवास्तव केवल एक हास्य कलाकार नहीं थे, बल्कि वे जन-जन की आवाज, आम आदमी की पीड़ा और समाज की विसंगतियों को हास्य के माध्यम से मंच पर प्रस्तुत करने वाले एक युगपुरुष थे। उनका जाना भारतीय कला जगत के लिए अपूरणीय क्षति है।
विनोद मिश्रा ने कहा कि अवधी विकास संस्थान लंबे समय से अवधी भाषा, साहित्य, लोकसंस्कृति और कलाकारों को मंच देने का कार्य कर रहा है। स्वर्गीय राजू श्रीवास्तव का अवधी भाषा और संस्कृति से गहरा जुड़ाव रहा। वे जहां भी मंच पर जाते थे, अपनी बोली, अपने अंदाज और अपने व्यंग्य से लोगों को हँसाने के साथ-साथ सोचने पर भी मजबूर करते थे। यही कारण है कि उनके सम्मान और स्मृति को चिरस्थायी बनाने के उद्देश्य से यह आयोजन किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि इस अवसर पर विभिन्न विधाओं में उत्कृष्ट योगदान देने वाले कलाकारों, साहित्यकारों और सांस्कृतिक कर्मियों को ‘राजू श्रीवास्तव स्मृति सम्मान–2025’ से सम्मानित किया जाएगा। यह सम्मान उन व्यक्तित्वों को दिया जाएगा, जिन्होंने अपने-अपने क्षेत्र में समाज के लिए उल्लेखनीय कार्य किया है और जो राजू श्रीवास्तव की तरह जनसंवेदनाओं से जुड़े हुए हैं।
प्रेस वार्ता में जानकारी दी गई कि कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में श्री पवन सिंह, सदस्य विधान परिषद, उत्तर प्रदेश सरकार, समारोह की शोभा बढ़ाएंगे। वहीं विशिष्ट अतिथि के तौर पर डॉ. हरि ओम (आई.ए.एस.) राज्य मंत्री तथा श्री नटवर गोयल की उपस्थिति रहेगी। इनके अलावा अनेक गणमान्य अतिथि, प्रशासनिक अधिकारी, न्यायिक क्षेत्र के प्रतिष्ठित लोग, साहित्यकार और कला प्रेमी भी कार्यक्रम में शामिल होंगे।
विनोद मिश्रा ने बताया कि सांस्कृतिक कार्यक्रम में अवधी और हिंदी लोकसंगीत, गीत-संगीत एवं अन्य प्रस्तुतियां होंगी, जो राजू श्रीवास्तव के व्यक्तित्व और कृतित्व को समर्पित रहेंगी। सांस्कृतिक संध्या में प्रसिद्ध गायक मिथिलेश लखनऊवी एवं डॉ. कुसुम वर्मा अपनी मधुर प्रस्तुतियों से दर्शकों को भावविभोर करेंगे। कार्यक्रम के माध्यम से न केवल मनोरंजन बल्कि सामाजिक संदेश भी देने का प्रयास किया जाएगा।

प्रेस वार्ता के दौरान विनोद मिश्रा ने कहा कि राजू श्रीवास्तव ने हास्य को केवल हँसी तक सीमित नहीं रखा, बल्कि उन्होंने सामाजिक कुरीतियों, भ्रष्टाचार, राजनीतिक विद्रूपताओं और आम आदमी की समस्याओं को अपने व्यंग्य का विषय बनाया। यही वजह है कि वे हर वर्ग में समान रूप से लोकप्रिय रहे। अवधी विकास संस्थान चाहता है कि आने वाली पीढ़ियां उनके विचारों, उनके संघर्ष और उनकी कला से प्रेरणा लें।
उन्होंने यह भी कहा कि यह कार्यक्रम केवल श्रद्धांजलि नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक आंदोलन की तरह है, जो लोकभाषाओं और लोककलाओं के संरक्षण का संदेश देता है। अवधी जैसी समृद्ध भाषा को नई पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए ऐसे आयोजनों की आवश्यकता है। राजू श्रीवास्तव स्वयं लोकभाषाओं के बड़े समर्थक थे और मंच से अक्सर अवधी, भोजपुरी और हिंदी के मिश्रण से अपनी अलग पहचान बनाते थे।
कार्यक्रम की जानकारी देते हुए संस्थान की संरक्षिका शिवा राजू श्रीवास्तव ने कहा कि राजू श्रीवास्तव का जीवन संघर्षों से भरा रहा, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। उनका जीवन कलाकारों के लिए प्रेरणास्रोत है। उन्होंने अवधी विकास संस्थान के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह के आयोजन से कलाकारों को सम्मान और समाज को दिशा मिलती है।
प्रेस वार्ता में मौजूद पत्रकारों और मीडिया प्रतिनिधियों से विनोद मिश्रा ने अपील की कि वे इस कार्यक्रम को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाएं, ताकि समाज के हर वर्ग के लोग इसमें सहभागी बन सकें। उन्होंने कहा कि लखनऊ सांस्कृतिक नगरी है और यहां की जनता कला-संस्कृति को समझती है। ऐसे में यह कार्यक्रम निश्चित रूप से ऐतिहासिक और यादगार बनेगा।
अंत में आयोजकों ने सभी कला प्रेमियों, साहित्यकारों, विद्यार्थियों और आम नागरिकों से अपील की कि वे 26 दिसंबर 2025 को राय उमानाथ बली प्रेक्षागृह पहुंचकर इस सांस्कृतिक संध्या का हिस्सा बनें और स्वर्गीय राजू श्रीवास्तव को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करें। आयोजकों के अनुसार, यह कार्यक्रम न केवल एक महान कलाकार की स्मृति को नमन होगा, बल्कि अवधी भाषा और संस्कृति के उत्थान की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी साबित होगा।