असत्य पर सत्य की विजय, धधक उठा रावण का पुतला

रामनगर (बाराबंकी )धमेड़ी स्टेट के स्वर्गीय राजा रत्नाकर सिंह की धर्मपत्नी तथा मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की पुत्री राजमाता मृणालिनी सिंह के संरक्षण में पक्का तालाब पर आयोजित भव्य रामलीला में रविवार को असत्य पर सत्य की विजय का ऐतिहासिक दृश्य मंचित हुआ।

रामलीला के चौथे दिन भगवान राम, लक्ष्मण, हनुमान, राजा सुग्रीव, अंगद और पूरी राम सेना ने रावण, मेघनाथ, कुंभकरण, अहिरावण सहित राक्षसी सेना का वध किया। स्थानीय कलाकारों द्वारा निभाए गए पात्रों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

दोपहर 12 बजे राम जानकी पंचायती मंदिर, अंदर बाजार से सजे-धजे रथों पर कलाकारों की शोभायात्रा निकाली गई। शोभायात्रा पक्का तालाब स्थित रामलीला मैदान पहुँची, जहां गिरजा शंकर तिवारी, अनूप पांडे, पंकज चतुर्वेदी, प्रमोद मिश्रा ने रामायण का पाठ कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

इसके बाद पंडित साकेत शास्त्री ने विधिविधान से रावण बने राकेश तिवारी से सेतुबंध रामेश्वरम की स्थापना कराई। मंचन के दौरान मेघनाथ द्वारा लक्ष्मण पर शक्ति प्रहार का दृश्य दिखाया गया, जिसके बाद हनुमानजी संजीवनी बूटी लाकर लक्ष्मण की प्राण रक्षा करते हैं। तत्पश्चात लक्ष्मण ने मेघनाथ का वध किया और भगवान श्रीराम ने रावण व कुंभकरण का संघार कर धर्म की स्थापना की।

शाम 6 बजे जैसे ही भगवान राम ने बाण छोड़ा, रावण का विशालकाय पुतला धू-धू कर जल उठा। आतिशबाजी और गोलों की गड़गड़ाहट से पूरा आसमान गूंज उठा और दर्शक जय श्रीराम के नारे लगाते रहे।

देर रात भगवान राम की भव्य सवारी पूरे कस्बे में निकाली गई। जगह-जगह श्रद्धालुओं ने पूजा-अर्चना की और भगवान का आशीर्वाद लिया। सवारी पुनः राम जानकी पंचायती मंदिर पहुंची, जहां पुजारी रज्जू महाराज ने आरती कर प्रसाद का वितरण किया।

इस अवसर पर धमेड़ी स्टेट की राजकुमारी दिव्य ज्योति सिंह और कात्यायनी सिंह विशेष रूप से मौजूद रहीं। कार्यक्रम में साकेत त्रिपाठी, राकेश त्रिपाठी, गिरजा शंकर तिवारी, गिरजा शंकर मिश्रा, कल्लू त्रिवेदी, उत्तम तिवारी, सत्यम तिवारी सहित अनेक गणमान्य उपस्थित रहे। रामायण का वाचन रविकांत मिश्रा द्वारा किया गया।

मौके पर विश्वनाथ शुक्ला, सुभाष अवस्थी, अनूप पांडे, महेश पांडे, कल्लू तिवारी समेत भारी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।