संविधान के मूल्यों को व्यवहार में उतारने से ही सशक्त होगा लोकतंत्र: सिद्धार्थ

रामनगर, बाराबंकी। तहसील रामनगर के जनसभागार में शनिवार को अधिवक्ता परिषद अवध बाराबंकी इकाई द्वारा संविधान दिवस पर एक भव्य वैचारिक गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें सैकड़ों अधिवक्ताओं ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम का शुभारंभ दोपहर करीब 3 बजे हुआ, जिसमें संविधान के मूल सिद्धांतों और लोकतांत्रिक मूल्यों पर विस्तृत विमर्श किया गया।

मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश उच्च न्यायालय लखनऊ के अपर महाधिवक्ता कुलदीप पति त्रिपाठी ने कहा कि भारतीय संविधान केवल विधानों का संग्रह नहीं, बल्कि लोकतंत्र और मानवाधिकारों की आधारशिला है। उन्होंने कहा कि अधिवक्ता समाज और न्याय व्यवस्था के प्रहरी हैं, इसलिए संविधान की रक्षा और इसके आदर्शों के पालन में उनकी भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है।

विशिष्ट अतिथि भाजपा किसान मोर्चा के पूर्व प्रदेश मंत्री एवं वरिष्ठ भाजपा नेता सिद्धार्थ अवस्थी ने कहा कि संविधान हमारे लोकतंत्र की रीढ़ है, किंतु जब तक इसके मूल्यों को व्यवहार में नहीं लाया जाएगा, तब तक लोकतंत्र पूर्ण रूप से सशक्त नहीं हो सकता। उन्होंने अधिवक्ताओं से संविधान के प्रति सक्रिय प्रतिबद्धता और जागरूकता बढ़ाने की अपील की।

मुख्य वक्ता अधिवक्ता परिषद अवध के पूर्व क्रांति संयोजक अमरनाथ मिश्रा ने संविधान निर्माण की ऐतिहासिक प्रक्रिया और इसके मूल अधिकारों—समानता, स्वतंत्रता और न्याय—की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पेशागत दायित्वों का निर्वहन संविधान की आत्मा के अनुरूप होना चाहिए।

कार्यक्रम में न्याय अधिकारी सौरभ पांडे, प्रांतीय उपाध्यक्ष अनिल कुमार पांडे, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट गुंजिता अग्रवाल, वरिष्ठ अधिवक्ता कौशल किशोर त्रिपाठी सहित अनेक विशिष्टजन उपस्थित रहे। अधिवक्ता परिषद के जिला अध्यक्ष कौशल किशोर त्रिपाठी ने ज्वाइंट मजिस्ट्रेट गुंजिता अग्रवाल का मोमेंटो भेंट कर स्वागत किया। महामंत्री सुरेश चंद्र मिश्रा, अध्यक्ष अनिल कुमार दीक्षित, आकाश त्रिपाठी सहित बड़ी संख्या में अधिवक्ता कार्यक्रम में मौजूद रहे।

कार्यक्रम ज्ञानवर्धक, प्रेरणादायक और संविधान के आदर्शों को जन-जन तक पहुँचाने का संकल्प पुनर्स्मरण कराने वाला रहा। गोष्ठी के अंत में उपस्थित सभी अधिवक्ताओं ने संविधान की रक्षा और इसके मूल्यों के पालन का संकल्प लिया।