पश्चिम बंगाल। पश्चिम बंगाल के बाकी जो तीन चरणों के जो चुनाव है। उसमें भाजपा की दिक्कतें बढ़ सकती हैं, क्योंकि इन चरणों के चुनाव कोलकाता और उसके आसपास के क्षेत्र में होने है। ये क्षेत्र ममता बनर्जी के गढ़ माने जाते है।क्योंकि यहां कई सीटें ऐसी हैं जिन पर मुसलमान मतदाता काफी संख्या में हैं।
आखिरी चरण तक चुनावी घमासान रहेगा जारी
बतादे कि पश्चिम बंगाल में आठ में से पांच चरणों के चुनाव हो चुके है और भाजपा के बड़े नेता दावे कर रहे है कि वह बढ़त पर है। जबकि यही दावे तृणमूल कांग्रेस भी कर रही है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि
ऐसे में आखिरी चरण तक चुनावी घमासान जारी रहेगा।
मुसलमान मतदाताओं की संख्या ज्यादा
पश्चिम बंगाल के आखिरी के चार चरण बेहद कठिन माने जा रहे हैं। इसमें पांचवें चरण के लिए शनिवार को मतदान हो गया है। पांचवें और छठवें चरण में कई सीटों पर मुसलमान मतदाताओं की काफी संख्या है। कहा जा रहा है कि भाजपा को नुकसान हो सकता है। हालांकि भाजपा के नेता इस बात से इनकार कर रहे हैं।
ममता बनर्जी का निजी प्रभाव इन क्षेत्र में अधिक
सातवें व आठवें चरण की ज्यादातर सीटें कोलकाता और उसके आसपास के क्षेत्र की हैं। बीते दो विधानसभा चुनाव से यह ममता का गढ़ माना जा रहा है। ममता बनर्जी का निजी प्रभाव भी क्षेत्र में काफी रहा है। ऐसे में भाजपा के लिए मुश्किलें होंगी। हालांकि भाजपा नेताओं कहना है कि पहले चरण से ही बदलाव का माहौल बन चुका है और वह आखिरी चुनाव तक जारी रहेगा।