
रिपोर्ट – शैलेश उपाध्याय
लार, देवरिया। लार थाना क्षेत्र के रामजानकी मार्ग स्थित सुतावर में बाजार वार्ड निवासी 17 वर्षीय रहमान की 24 जून 2022 को हुई नृशंस हत्या का मामला 1260 दिन बाद भी अनसुलझा बना हुआ है। धारदार हथियार से गला रेतकर और पैर की अंगुलियां काटकर की गई इस हत्या के खुलासे के लिए तत्कालीन पुलिस अधीक्षक ने चार पुलिस टीमें गठित की थीं, लेकिन तीन वर्ष से अधिक समय बीत जाने के बावजूद पुलिस हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने में नाकाम रही है।
रहमान का शव मेहरौना–कौसड़ मार्ग पर बरामद हुआ था। घटना के बाद से ही पीड़ित परिवार न्याय की गुहार लगा रहा है। बेटे के हत्यारोपियों को बेनकाब कराने के लिए पिता सलीम कई बार पुलिस अधिकारियों से मिल चुके हैं, लेकिन अब उनका कहना है कि लार पुलिस से भरोसा उठ चुका है। उन्हें आशंका है कि क्या पुलिस कभी उनके बेटे के कातिलों तक पहुंच पाएगी या नहीं।
बताया जाता है कि बाजार वार्ड निवासी सलीम पेशे से व्यवसायी हैं। 23 जून 2022 की शाम उनका दूसरा बेटा रहमान “जल्दी लौटने” की बात कहकर बाइक से घर से निकला था, लेकिन देर रात तक वापस नहीं लौटा। अगले दिन 24 जून की सुबह उसका शव सड़क किनारे फेंका हुआ मिला। पिता की तहरीर पर लार पुलिस ने अज्ञात बदमाशों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की थी।
घटना के बाद मौके पर पहुंची फॉरेंसिक टीम ने साक्ष्य एकत्र किए। पुलिस ने नगर के 500 से अधिक लोगों को बुलाकर गोपनीय पूछताछ की और बयान दर्ज किए। लार से पिपरा बांध जाने वाले मार्ग पर लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज भी खंगाली गई, जिनमें रहमान जाता हुआ दिखाई दिया था। इसी आधार पर पुलिस ने जांच की कड़ियां जोड़ने की कोशिश की, लेकिन अब तक किसी ठोस नतीजे तक नहीं पहुंच सकी।
हत्यारोपियों तक पहुंचने के लिए पुलिस ने तीन हजार से अधिक मोबाइल नंबरों को सर्विलांस पर लेकर ट्रेस किया, लेकिन इसके बावजूद कोई निर्णायक साक्ष्य हाथ नहीं लग सका। इस बीच आधा दर्जन से अधिक थानाध्यक्ष बदले, पर कोई भी अधिकारी मामले के खुलासे के करीब नहीं पहुंच पाया।
इस संबंध में जब पुलिस क्षेत्राधिकारी सलेमपुर मनोज कुमार से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि मामला तीन साल पुराना है, पत्रावली देखकर आगे की कार्रवाई के बारे में जानकारी दी जाएगी।