अमर भारती : भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के चेयरमैन रजनीश कुमार ने मुंबई में प्रेस कांफ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने कहा कि एसबीआई कानूनी प्रावधानों के मुताबिक यस बैंक के 49 फीसदी शेयर खरीद सकता है। साथ ही इस दौरान एसबीआई चेयरमैन रजनीश कुमार ने कहा कि एसबीआई यस बैंक में 2450 करोड़ रुपये निवेश कर सकता है। फिलहाल यस बैंक को 20 हजार करोड़ रुपये की जरूरत है। आगे उन्होंने कहा कि हमारी लीगल टीम निवेश की योजना पर काम कर रही है। एसबीआई ने स्टॉक एक्सचेंज को सूचित किया है कि भारतीय स्टेट बैंक यस बैंक में 49 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने पर विचार कर रहा है।
खाताधारकों पर कोई खतरा नहीं
इतना ही नहीं, रजनीश कुमार ने कहा है कि यस बैंक के खाताधारकों पर कोई खतरा नहीं है। उनका पैसा पूरी तरह से सुरक्षित है। इसलिए यस बैंक खाताधारकों के लिए यह राहत भरी खबर है। उन्हें परेशान होने की जरूरत नहीं है।
वित्त मंत्री ने भी दिलाया था भरोसा
शुक्रवार को वित्त मंत्री ने कहा था कि, हमारी सरकार भरोसा दिलाती है कि जमाकर्ताओं का पैसा सुरक्षित रहेगा। मैं आरबीआई से गुजारिश करती हूं कि वह कानून के मुताबिक इस मामले की गंभीरता और महत्व को समझते हुए ऐसा रास्ता निकाले जिससे लोगों की परेशानियां कम हों।
कर्मचारियों को भी दिया आश्वासन
वित्त मंत्री ने कहा, यस बैंक के कर्मचारियों की नौकरी, वेतन एक साल तक सुरक्षित हैं, जमाएं और देनदारियां अप्रभावित रहेंगी। आरबीआई पता लगाएगा कि यस बैंक में क्या गलत हुआ। इसमें व्यक्तिगत भूमिका का पता लगाना होगा।
क्या है मामला ?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कांफ्रेंस में यह बताया था कि यस बैंक द्वारा नियमों का पालन नहीं किया जा रहा था। बैंक ने जोखिम भरे क्रेडिट निर्णय लिए थे। मैंने पहले भी कहा है कि हम किसी भी संस्था को डूबने नहीं देंगे। 2014 के पहले से ही यस बैंक की ओर से ऐसी कंपनियों को लोन दिए गए थे, जिनकी वित्तीय हालत अच्छी नहीं थी।
यस बैंक ने अनिल अंबानी की कंपनी, एस्सेल समूह, इंफ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड (आईएलएफएस), दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड (डीएचएफएल) और वोडाफोन जैसी कंपनियों को लोन दिया जो डिफॉल्ट हुए हैं।
आरबीआई ने लगाई रोक
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने पांच मार्च 2020 को संकट में फंसे यस बैंक पर मौद्रिक सीमा लगा दी। इसके तहत खाताधारक अब यस बैंक से 50 हजार रुपये से ज्यादा रकम नहीं निकाल सकेंगे। निकासी की यह सीमा 3 अप्रैल, 2020 तक लागू रहेगी। यस बैंक की देशभर में 1000 से ज्यादा ब्रांच और 1,800 से भी अधिक एटीएम हैं।
शुक्रवार को वित्त मंत्री ने कहा था कि, हमारी सरकार भरोसा दिलाती है कि जमाकर्ताओं का पैसा सुरक्षित रहेगा। मैं आरबीआई से गुजारिश करती हूं कि वह कानून के मुताबिक इस मामले की गंभीरता और महत्व को समझते हुए ऐसा रास्ता निकाले जिससे लोगों की परेशानियां कम हों। वित्त मंत्री ने कहा, यस बैंक के कर्मचारियों की नौकरी, वेतन एक साल तक सुरक्षित हैं, जमाएं और देनदारियां अप्रभावित रहेंगी।
आरबीआई पता लगाएगा कि यस बैंक में क्या गलत हुआ। इसमें व्यक्तिगत भूमिका का पता लगाना होगा।वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कांफ्रेंस में यह बताया था कि यस बैंक द्वारा नियमों का पालन नहीं किया जा रहा था। बैंक ने जोखिम भरे क्रेडिट निर्णय लिए थे। मैंने पहले भी कहा है कि हम किसी भी संस्था को डूबने नहीं देंगे। 2014 के पहले से ही यस बैंक की ओर से ऐसी कंपनियों को लोन दिए गए थे, जिनकी वित्तीय हालत अच्छी नहीं थी।
यस बैंक ने अनिल अंबानी की कंपनी, एस्सेल समूह, इंफ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड (आईएलएफएस), दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड (डीएचएफएल) और वोडाफोन जैसी कंपनियों को लोन दिया जो डिफॉल्ट हुए हैं। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने पांच मार्च 2020 को संकट में फंसे यस बैंक पर मौद्रिक सीमा लगा दी। इसके तहत खाताधारक अब यस बैंक से 50 हजार रुपये से ज्यादा रकम नहीं निकाल सकेंगे। निकासी की यह सीमा 3 अप्रैल, 2020 तक लागू रहेगी। यस बैंक की देशभर में 1000 से ज्यादा ब्रांच और 1,800 से भी अधिक एटीएम हैं।