वह सेनानी, जिसने दिलों में फूंकी थी आज़ादी की चिंगारी

नई दिल्ली। आज का दिन यानि 8 अप्रैल भारत की आजादी में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। आज के दिन सन् 1857 को एक ऐसी घटना हुई जिसने लोगों के अंदर धीरे-धीरे धधक रही स्वतन्त्रता की ज्वाला को एक आकार का रूप दे दिया था।कहा जाता है कि आज के दिन ही भारत की आजादी की चिंगारी को हवा मिली थी जब मंगल पांडेय को अंग्रेजों ने फांसी पर लटका दिया था। 

मंगल पांडेय का शहीदी दिवस

मंगल पांडे भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के अग्रदूत थे। उनके द्वारा भड़काई गई क्रांति की ज्वाला से अंग्रेज़ शासन बुरी तरह हिल गया। हालाकि अंग्रेजों ने इस क्रांति को दबा दिया पर मंगल पांडे की शहादत ने देश में जो क्रांति के बीज बोए उसने अंग्रेजी हुकुमत को 100 साल के अन्दर ही भारत से उखाड़ फेंका। मंगल पांडे ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के अंतर्गत 34वीं बंगाल नेटिव इन्फेंट्री में एक सिपाही थे। 

स्वाधीनता के प्रथम संग्राम को दिया जन्म

सन् 1857 की क्रांति के दौरान मंगल पाण्डेय ने एक ऐसे विद्रोह को जन्म दिया जो जंगल में आग की तरह सम्पूर्ण उत्तर भारत और देश के दूसरे भागों में भी फैल गया। यह भले ही न रहा हो पर यह क्रांति निरंतर आगे बढ़ती गयी। अंग्रेजी हुकुमत ने उन्हें गद्दार और विद्रोही की संज्ञा दी पर मंगल पांडे प्रत्येक भारतीय के लिए एक महानायक हैं। आज ही के दिन मंगल पण्डे को अंग्रेजों ने फांसी पर लटका दिया था। 

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