
कोसीकलां। राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के राष्ट्रीय अधिवेशन में रविवार को अभूतपूर्व जनसैलाब उमड़ा, जिसमें देशभर से आए किसान, मजदूर, युवा, कार्यकर्ता और विभिन्न प्रदेशों के प्रतिनिधियों की भारी भीड़ शामिल रही। इसी अधिवेशन में जयंत चौधरी सर्वसम्मति से एक बार फिर राष्ट्रीय अध्यक्ष निर्वाचित हुए। सभा के दौरान कई भावुक क्षण आए, जब जयंत चौधरी ने लोकदल की ऐतिहासिक विरासत और किसान–मजदूरों की लड़ाई को पार्टी की असली पहचान बताया।
जयंत चौधरी ने कहा—
“किसान, मजदूर और गरीब की बात करना ही लोकदल की असली पहचान है। राजनीतिक महत्वाकांक्षा नहीं, समाज के अंतिम व्यक्ति की चिंता हमारा मूल धर्म है।”
उन्होंने कहा कि आज राजनीति में युवाओं के लिए सबसे जरूरी है कि वे चौधरी चरण सिंह और चौधरी अजित सिंह की नीतियों, संघर्षों और किसान आंदोलन के इतिहास को समझें। दोनों नेताओं ने ग्रामीण भारत और श्रमिक वर्ग को केंद्र में रखकर राजनीति की।

उन्होंने बताया कि एनडीए सरकार में रालोद को विशेष सम्मान और जिम्मेदारी दी गई है। कृषि सुधार, ग्रामीण विकास, और किसान नीति से जुड़े मुद्दों पर सरकार गंभीरता से सुनवाई कर रही है। बिहार चुनाव परिणाम पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि यह महिला सशक्तिकरण और विकास की राजनीति की जीत है।
विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए कहा—
“जनता स्थिरता और विकास के साथ है। विपक्ष अभी भी भ्रम और नकारात्मकता में उलझा है।”
जयंत चौधरी ने कहा—
“लोकदल किसी एक परिवार की पार्टी नहीं। यह किसान–मजदूरों का संगठन है। तीन साल बाद मैं स्वयं चाहूंगा कि कोई नया नेतृत्व तैयार हो और रालोद का अगला राष्ट्रीय अध्यक्ष बने।”
उन्होंने वर्ष 2027 में चौधरी चरण सिंह की 125वीं जयंती पर पूरे देश में सवा करोड़ पौधे लगाने की घोषणा की और कहा कि “चौधरी चरण सिंह वन वाटिका” की स्थापना की जाएगी।
उन्होंने बताया कि हाल ही में प्रदेश सरकार द्वारा गन्ने का मूल्य 400 रुपये प्रति क्विंटल किया गया, जिससे किसानों को राहत मिली। साथ ही उन्होंने छाता शुगर मिल की समस्या का त्वरित समाधान करने की भी मांग की।
जयंत चौधरी ने कहा—
“रालोद डॉ. भीमराव अम्बेडकर, चौधरी चरण सिंह और मजदूर–किसान–दलित हितों की विचारधारा की पार्टी है।”
पूर्व मंत्री ठा. तेजपाल सिंह का संबोधन
पूर्व मंत्री ठा. तेजपाल सिंह ने कहा कि ब्रजभूमि को तीसरी बार रालोद के राष्ट्रीय अधिवेशन की मेजबानी करने का सौभाग्य मिला है।
उन्होंने बताया—
पहला अधिवेशन 1971 में मथुरा के चौक बाजार गांधी पार्क में
दूसरा अधिवेशन 1982 में वृंदावन के फोगला आश्रम में
और तीसरा अधिवेशन 2024 में कोसीकलां में आयोजित हुआ है
उन्होंने कहा कि चौधरी चरण सिंह ने किसानों के हित में ऐतिहासिक कार्य किए। पहले नहरों की पटरियों पर किसान साइकिल तक नहीं चला सकता था, लेकिन आज वही किसान ट्रैक्टर लेकर खेत तक पहुंचता है—यह चरण सिंह के संघर्ष का परिणाम है।
उन्होंने सुंदर उदाहरण देते हुए कहा—
“किसानों के ट्रैक्टर पर लगने वाला टैक्स हटाने का काम भी चरण सिंह ने ही किया।”
ठा. तेजपाल सिंह ने याद दिलाया कि चौधरी अजित सिंह ने यूपीए-2 सरकार में किसानों पर इनकम टैक्स लगाने के प्रयास का डटकर विरोध किया और समर्थन वापसी का दबाव बनाकर उस प्रस्ताव को रुकवाया।
दर्जनों नेताओं ने किया संबोधन
अधिवेशन को सांसद, विधायक, पूर्व प्रत्याशी और रालोद के दिग्गज नेताओं ने संबोधित किया।
कार्यक्रम में शामिल प्रमुख नाम:
पीतम सिंह
कुंवर नरेंद्र सिंह
कुमरचंद रावत
अतुल सिसौदिया
जिलाध्यक्ष राजपाल भंरगर
देवेंद्र चौधरी
और 14 राज्यों से आए प्रदेश अध्यक्ष
सभी ने जयंत चौधरी को स्मृति चिह्न और दुपट्टा पहनाकर स्वागत किया।
हजारों कार्यकर्ताओं की मौजूदगी से जयंत चौधरी भावुक हो गए।
कार्यक्रम का संचालन राष्ट्रीय महासचिव त्रिलोक त्यागी ने किया।
विशिष्ट उपस्थिति
कार्यक्रम में मौजूद रहे—
यशवीर सिंह, पूर्व सांसद मुंशी राम पाल, राजेंद्र शर्मा, मलूक नागर, चंदन चौहान, सुखवीर सिंह, यशपाल बधेल, पूर्व मंत्री सुभाष गर्ग, गिरीश चौधरी, सांसद राजकुमार सांगवान, विधान परिषद सदस्य योगेश नोहवार, वीरपाल मलिक, ब्रजेश चौधरी, जगपाल चौधरी, डालचंद चौधरी, कैलाश सुपानिया, महेश सुपानिया, अंगद बंजारा, देवेंद्र चौधरी सहित कई वरिष्ठ नेता।