नई दिल्ली। अफगानिस्तान से शरणार्थियों को सुरक्षित लाई इटली की अंतिम निकासी उड़ान रोम के लियोनार्डो डा विची हवाईअड्डे पर उतरी। इतालवी वायुसेना का विमान सी-130 जे 58 अफगान नागरिकों को लेकर शनिवार सुबह पहुंचा। काबुल हवाईअड्डा से रवाना होने और बीच में योजना के मुताबिक एक जगह रुकने के बाद इसे यहां पहुंचने में करीब 17 घंटे का समय लगा। विमान में इटली के वाणिज्य दूत और एक नाटो राजनयिक भी सवार थे। इन्होंने ही काबुल हवाई अड्डे पर निकासी का समन्वय किया था।
इटली के विदेश मंत्री लुइगी डि माओ ने कहा कि इटली अमेरिका और अफगानिस्तान की सीमा से लगे देशों के साथ काम करने के लिए तैयार है, जिसे उन्होंने “अधिक कठिन चरण” के रूप में बताया है।उन्होंने कहा कि प्रयासों में अफगानिस्तान में अपनी 20 साल की उपस्थिति के दौरान इटली की सेना के साथ काम करने वाले अन्य अफगान नागरिकों को निकालना भी शामिल था, लेकिन वे निकासी उड़ानों के लिए समय पर काबुल हवाई अड्डे पर पहुंचने में सक्षम नहीं थे। उन्होंने यह नहीं बताया कि कितने लोग अभी भी इटली ले जाने के योग्य हैं।
रोम के हवाई अड्डे पर एक संक्षिप्त बयान में डि माओ ने कहा कि बचाव अभियान इन नागरिकों को अपने देश के बाहर नया जीवन शुरू करने के लिए अवसर प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि 87 उड़ानों में इटली की वायु सेना द्वारा निकाले गए 4,890 अफगानों की संख्या किसी भी यूरोपीय संघ के देश द्वारा निकाले गए लोगों की तुलना में सबसे अधिक थी। इटली के बाकी जवान शुक्रवार रात काबुल से अन्य उड़ान से रवाना हुए। वायु सेना की यह उड़ान कुवैत गई। सैनिकों का अगले सप्ताह की शुरुआत में इटली लौटना प्रस्तावित है।