सरकार पेगासस जासूसी मामले से भाग रही है- मल्लिकार्जुन खड़गे
नई दिल्ली। देश में संसद में चल रहे मॉनसून सत्र में विपक्ष का सरकार से सवालों का सिलसिला आए दिन नए मोड़ लेता दिख रहा हैं। सदन में चल रही चर्चाएं नतीजे पर पहुँचने से पहले ही हंगामे की भेंट चढ़ जाती है और सदन चलने से ज्यादा स्थगित रहता है। इसी का नतीजा है कि अब तक संसद के दोनों सदनों में मिलाकर जो करीब 125 घंटे की कार्रवाई होनी चाहिए थी वह महज 20 से 22 घंटे की ही हो सकी है और इसके चलते 150 करोड़ों रुपये से ज्यादा का नुकसान हो चुका है। इसी बीच राज्यसभा में कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि यह सरकार विपक्षी सदस्यों को बाहर निकालकर सदन चलाना चाहती है। लेकिन उन्होने कहा कि कांग्रेस और उसके सहयोगी झुकने वाले नहीं हैं।
हाल ही में टीएमसी के सांसद हुए निलंबित
मल्लिकार्जुन खड़गे के इस बयान से हाल ही में कुछ दिन पहले राज्यसभा के अध्यक्ष वेंकैया नायडू ने टीएमसी के 6 सांसदों को निलंबित भी कर दिया था। जानकारी के मुताबिक टीएमसी सांसद राज्सभा में किसानों और पेगासस जासूसी कांड के मुद्दों पर चर्चा करने की मांग करते हुए हाथों में प्ले कार्ड लेकर सदन के अंदर नारेबाज़ी करने लगे। जिसके बाद टीएमसी के सांसद
प्रदर्शन करते हुए सदन के वेल तक आ गए। जिसके बाद राज्यसभा के अध्यक्ष वेंकैया नायडू को 6 सांसदों को एक दिन के लिए सदन से निलंबित करना पड़ा। उनमें तृणमूल की डोला सेन, मोहम्मद नदीमुल हक, अबीर रंजन विश्वास, शांता छेत्री, अर्पिता घोष एवं मौसम नूर शामिल थे।
पेगासस मुद्दे पर चर्चा चाहता है विपक्ष
हाल ही में हुए पेगासस जासूसी कांड पर विपक्ष सरकार से इस मुद्दें पर सदन में जवाब चाहता है। जिससे सरकार अब तक आँख चुराते हुए आई हैं। विपक्ष की मांग है कि सरकार सदन में किसानों के मुद्दों व पेगासस जासूसी कांड पर एक सार्थक चर्चा होने दे और अपनी ज़िम्मेदारी से न भागे। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता खड़गे ने यह सवाल भी किया कि आखिर सरकार पेगासस जासूसी मामले पर चर्चा कराने से डर क्यों रही है?
कांग्रेस सांसद ने पीएम मोदी पर बोला हमला
कांग्रेस सांसद प्रताप सिंह बाजवा ने कृषि कानूनों को निरस्त करते करने की मांग की और पीएम मोदी पर हमला बोलते हुए कहा कि देश में चल रहे किसान आंदोलन में अब तक 500 से अधिक किसानों की मौत हो गई है, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने एक शब्द नहीं बोला। बाजवा ने दावा किया, ‘किसानों का और हमारा मानना है कि ये कानून किसानों की मौत का वॉरंट हैं। यह किसानों की जमीन पर कब्जा करने की कोशिश है। हम ऐसा होने नहीं देंगे।’