
रिपोर्ट -जितेन्द्र तिवारी, अमर भारती, रुद्रपुर (देवरिया)
उत्तर प्रदेश के देवरिया जनपद में एक हृदय विदारक घटना सामने आई है, जिसने कानून व्यवस्था पर गंभीर प्रश्न खड़े कर दिए हैं। रुद्रपुर तहसील के बिट्ठलपुर गांव में एक युवक को मामूली बात पर दो युवकों ने लाठी-डंडों से बेरहमी से पीट-पीटकर अधमरा कर दिया। घायल की 21 जून को गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान मौत हो गई। इस मामले में लापरवाही बरतने पर रुद्रपुर कोतवाली के एसएचओ रणजीत सिंह भदौरिया को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
तालिबानी अंदाज़ में हुई थी पिटाई, वीडियो ने मचाई सनसनी
ग्राम बिट्ठलपुर निवासी हरिभजन निषाद उर्फ भोलू निषाद, जो नासिक में रहकर मजदूरी करता था और पांच बहनों का इकलौता भाई था, 13 जून को गांव आया हुआ था। उसी दिन खेत में किसी मामूली बात को लेकर रतनदीप निषाद और सनी निषाद ने उसे बुरी तरह पीटा। एक अन्य युवक पूरी घटना का वीडियो बनाता रहा, जो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है। इस वीडियो को देखकर हर किसी की रूह कांप गई।
मां की तहरीर पर दर्ज हुआ मुकदमा
घायल की मां द्वारा 13 जून को दी गई तहरीर पर पुलिस ने शुरुआत में मारपीट और गंभीर चोट की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया। लेकिन भोलू की मौत के बाद पोस्टमार्टम रिपोर्ट और वीडियो साक्ष्य के आधार पर धाराएं बढ़ाते हुए हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया।
मुख्य आरोपी गिरफ्तार, अन्य की तलाश जारी
अपर पुलिस अधीक्षक अरविंदर कुमार वर्मा ने बताया कि इस मामले में आरोपी राज निषाद को 24 जून को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। दो अन्य आरोपी – रतनदीप निषाद और सनी निषाद की तलाश के लिए टीमें गठित की गई हैं और लगातार दबिश दी जा रही है।
एसएचओ की भूमिका पर उठे सवाल, कप्तान का कड़ा रुख
इस मामले में पुलिस की शुरुआती कार्रवाई को लेकर पुलिस अधीक्षक विक्रांत वीर ने सख्त रुख अपनाया। उन्होंने पाया कि कोतवाली प्रभारी ने लापरवाही पूर्वक गंभीर अपराध में हल्की धाराएं लगाईं। इसके चलते एसएचओ रणजीत सिंह भदौरिया को निलंबित कर उनके खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दे दिए गए हैं।
रुद्रपुर कोतवाली पर ‘सस्पेंशन का साया’
यह पहला मौका नहीं है जब रुद्रपुर कोतवाली के प्रभारी को लापरवाही के चलते निलंबित किया गया है। बीते वर्षों में एक के बाद एक प्रभारी निलंबित या लाइन हाजिर किए गए हैं, जिससे कोतवाली की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। आखिर कब तक रुद्रपुर पुलिस की कार्यशैली पर यह बदनामी का ग्रहण मंडराता रहेगा?
प्रशासन की सख्ती और आमजन की उम्मीद
इस घटना ने जहां आमजन को झकझोर दिया है, वहीं पुलिस कप्तान की तत्परता ने कुछ हद तक न्याय की उम्मीद जगाई है। लेकिन यह मामला इस बात की भी चेतावनी है कि यदि जमीनी स्तर पर लापरवाही जारी रही, तो ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति केवल कागजों तक ही सीमित रह जाएगी।