
हाल ही में आयोजित एक ग्लोबल लीडरशिप समिट में भारत के दो सबसे बड़े क्रिएटिव आइकॉन — दीपिका पादुकोण और सब्यसाची मुखर्जी — एक मंच पर नज़र आए।
इस सत्र ने भारत की कला, फैशन और सिनेमा के बढ़ते वैश्विक प्रभाव को नए अंदाज़ में प्रस्तुत किया। बातचीत का विषय था — लीडरशिप, क्रिएटिविटी और कल्चरल आइडेंटिटी, जिसमें दोनों हस्तियों ने अपने अनुभव और दृष्टिकोण साझा किए।
लक्ज़री फैशन हाउस सब्यसाची के फाउंडर और क्रिएटिव डायरेक्टर सब्यसाची मुखर्जी ने सेशन के दौरान दीपिका की खुलकर सराहना की। उन्होंने कहा,
“असल में, आप जानते हैं, वह शायद भारत की सबसे भरोसेमंद और सबसे मशहूर शख्सियत हैं। जब हम उन्हें ओलिंपिक या ऑस्कर में देखते हैं, मुझे नहीं लगता कि देश के लिए कोई बेहतर ब्रांड या संस्कृति का प्रतिनिधि हो सकता है। मुझे लगता है कि दीपिका को हमारे कई लोगों की तरफ से दुनिया के सबसे बड़े मंचों पर दिखना चाहिए, क्योंकि ऐसा दिखाना बहुत महत्वपूर्ण है। और मैं उम्मीद करता हूँ कि दीपिका आप यह और भी ज्यादा करती रहें।”
सब्यसाची के इन शब्दों ने न सिर्फ दीपिका के प्रति उनकी प्रशंसा को दर्शाया, बल्कि यह भी उजागर किया कि कैसे दीपिका पादुकोण ने भारत की सांस्कृतिक और रचनात्मक पहचान को वैश्विक स्तर पर नई ऊंचाई दी है।
दीपिका पादुकोण ने कान्स फिल्म फेस्टिवल, अकादमी अवार्ड्स और अन्य अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत का प्रतिनिधित्व किया है। साथ ही, उन्होंने मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता और महिला सशक्तिकरण जैसे विषयों पर भी लगातार कार्य किया है।
समिट में उनकी बातचीत केवल फैशन या प्रसिद्धि तक सीमित नहीं रही — यह सांस्कृतिक नेतृत्व और जिम्मेदारी पर केंद्रित थी। सब्यसाची के शब्दों में, दीपिका सिर्फ एक स्टार नहीं, बल्कि भारत की बदलती पहचान की प्रतीक हैं — एक ऐसी ग्लोबल आइकन जो भारतीयता को गरिमा, शालीनता और आत्मविश्वास के साथ प्रस्तुत करती हैं।