सहकारी समिति में खाद वितरण दो साल से ठप, हिलते तालों से परेशान किसान

सिंगाही खीरी। ब्लॉक निघासन की ग्राम पंचायत सिंगहा कला के मजरा सिंगहा खुर्द में स्थित साधन सहकारी समिति लिमिटेड में पिछले करीब दो वर्षों से खाद का वितरण पूरी तरह ठप पड़ा है। समिति भवन निर्माण के बाद केवल एक बार ही खाद का वितरण हो सका, उसके बाद से लगातार ताले लटकते नजर आ रहे हैं। हैरानी की बात यह है कि समिति पर सचिव और कर्मचारी तैनात होने के बावजूद किसानों को खाद नहीं मिल पा रही है।
ग्राम सभा के किसानों का कहना है कि सहकारी समितियों का गठन इस उद्देश्य से किया गया था कि किसानों को समय पर खाद और बीज मिल सके, लेकिन सिंगहा खुर्द की समिति किसानों के लिए सहारा बनने के बजाय परेशानी का कारण बन गई है। खाद लेने के लिए समिति पहुंचने वाले किसानों को अक्सर हिलता ताला ही नसीब होता है, जिसके चलते उन्हें निराश होकर वापस लौटना पड़ता है।
इस समिति से जुड़े किसानों को खाद के लिए नौरंगाबाद और खैरीगढ़ की सहकारी समितियों पर निर्भर रहना पड़ रहा है। कई-कई दिनों तक लाइन में लगने के बाद भी खाद मिलना मुश्किल हो रहा है। किसानों का आरोप है कि समिति भवन पर लटकते ताले इस बात का प्रमाण हैं कि यहां का प्रबंधन पूरी तरह से लचर है। न डीएपी मिल पा रही है और न ही यूरिया।
ग्राम पंचायत सिंगहा कला की आबादी करीब 15 हजार से अधिक है, जिसमें अधिकांश किसान हैं। यदि स्थानीय सहकारी समिति पर खाद का वितरण नियमित रूप से शुरू हो जाए तो गांव के किसानों को बड़ी राहत मिल सकती है। लेकिन अफसरों की अनदेखी के चलते किसान इधर-उधर भटकने को मजबूर हैं।
इस मामले में जब सिंगहा सहकारी समिति के सचिव करुणा शंकर बाजपेई से बात की गई तो उन्होंने बताया कि प्रशासन को कई बार खाद की डिमांड भेजी जा चुकी है, लेकिन अब तक आवंटन नहीं हो सका है। जैसे ही खाद का आवंटन मिलेगा, किसानों को वितरण शुरू करा दिया जाएगा।
खाद को लेकर किसानों का दर्द
किसान वीरेंद्र निषाद का कहना है कि गांव में सहकारी समिति का भवन तो बन गया, लेकिन किसान आज भी खाद के लिए दर-दर भटक रहा है।
किसान लवकुमार दीक्षित ने बताया कि समिति बनने के बाद से ही यह अधिकतर बंद रहती है। पांच कर्मचारी तैनात होने के बावजूद उन्हें कभी समिति पर नहीं देखा गया।
किसान राममोहन दीक्षित का कहना है कि भवन बनने के बाद से ही यहां ताले लटकते रहते हैं और आज तक किसी किसान को यहां से खाद नहीं मिली।
वहीं किसान गया प्रसाद वर्मा ने कहा कि यदि गांव की समिति पर ही खाद मिल जाए तो किसानों को दूसरे गांवों की समितियों पर भटकना न पड़े।
कुल मिलाकर सिंगहा खुर्द की सहकारी समिति कागजों में तो सक्रिय है, लेकिन जमीनी हकीकत इससे बिल्कुल उलट है। किसान चाहते हैं कि जल्द से जल्द खाद का आवंटन कर समिति को सक्रिय किया जाए, ताकि उन्हें समय पर खाद मिल सके और खेती प्रभावित न हो।