नगर पंचायत अध्यक्ष को कर्मचारी की रिहाई के लिए थाने पर देना पड़ा धरना, दबाव के बाद पुलिस ने छोड़ा

कर्मचारी की रिहाई के लिए थाने पर देना पड़ा धरना

सलेमपुर, देवरिया। नगर पंचायत सलेमपुर के एक कर्मचारी को पुलिस हिरासत में लिए जाने के बाद मामला तूल पकड़ गया। स्थिति तब और गंभीर हो गई जब नगर पंचायत अध्यक्ष श्रीराम यादव को अपने कर्मचारी की रिहाई के लिए सलेमपुर थाने पर धरने पर बैठना पड़ा। काफ़ी देर तक चले धरने और अधिकारियों से बातचीत के बाद अंततः पुलिस को कर्मचारी को रिहा करना पड़ा।

जानकारी के अनुसार, नगर पंचायत का एक कर्मचारी किसी विवाद के चलते पुलिस हिरासत में था। इस कार्रवाई से अध्यक्ष श्रीराम यादव नाराज़ हो गए और थाने पर पहुंचकर वहीं धरने पर बैठ गए। बातचीत के दौरान उन्होंने स्पष्ट कहा कि “जब तक हमारे कर्मचारी को रिहा नहीं किया जाएगा, हम धरने से नहीं उठेंगे।”

थाने पर नगर पंचायत अध्यक्ष की मौजूदगी और दबाव के कारण पुलिस प्रशासन को बैकफुट पर आना पड़ा और उन्होंने कर्मचारी को रिहा कर दिया। इस पूरे घटनाक्रम से प्रशासन और स्थानीय निकाय के बीच टकराव की स्थिति साफ नजर आई।

स्थानीय जनता की प्रतिक्रिया

घटना की खबर फैलते ही स्थानीय लोगों की भीड़ भी थाने पर जुट गई। कई लोगों ने नगर पंचायत अध्यक्ष के इस क़दम की सराहना की और कहा कि एक जनप्रतिनिधि को अपने कर्मचारी के लिए खड़ा होना चाहिए।

नगर पंचायत अध्यक्ष श्रीराम यादव ने क्या कहा…

इस मामले में जब अध्यक्ष श्रीराम यादव से बात की गई तो उन्होंने कहा,

“मेरे सरकारी कर्मचारी को थाने में बैठा लिया गया था। एक पक्षीय कार्रवाई की जा रही थी, जिससे हम नाराज़ थे। इसी कारण हम धरने पर बैठ गए थे।”

प्रभारी निरीक्षक ने क्या कहा…

थाना प्रभारी निरीक्षक ने सफाई देते हुए कहा,

“मामला संज्ञान में है। सफाई के दौरान वसूली को लेकर विवाद हुआ था। दोनों पक्षों को पूछताछ के लिए थाने लाया गया था।”

यह घटना एक ओर प्रशासन की कठोर कार्रवाई को दर्शाती है, वहीं दूसरी ओर जनप्रतिनिधि की तत्परता और कर्मियों के प्रति जिम्मेदारी भी सामने लाती है। हालांकि, इस प्रकरण से दोनों पक्षों के बीच विश्वास की खाई भी उजागर हुई है, जिसे भरने की जरूरत है।