सलेमपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में दलाल सक्रिय, डॉक्टरों की मिलीभगत से फल-फूल रहा पैथोलॉजी और मेडिकल स्टोरों का धंधा


सीएमओ बोले—पकड़े जाने पर होगी कड़ी कार्रवाई, फिलहाल शिकायतें बन रही हैं सिर्फ कागज़ी औपचारिकता

गंगेश पांडेय, रिपोर्टर
अमर भारती ब्यूरो, सलेमपुर (देवरिया)।
सलेमपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर व्याप्त अनियमितताओं और भ्रष्टाचार ने सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं की पारदर्शिता और प्रभावशीलता पर सवालिया निशान लगा दिए हैं। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, अस्पताल परिसर में बाहरी पैथोलॉजी संचालकों के दलाल सक्रिय रूप से डटे रहते हैं, जो डॉक्टरों की मिलीभगत से मरीजों को निजी जांच केंद्रों की ओर मोड़ते हैं।

इन एजेंटों का कार्य केवल मरीजों को जांच के लिए भेजना ही नहीं, बल्कि कथित रूप से डॉक्टरों को इससे मिलने वाले कमीशन के खेल को भी सुचारू बनाए रखना है। मरीजों की जेब पर सीधा असर डालते हुए सरकारी दवाएं होते हुए भी उन्हें महंगे मेडिकल स्टोरों की दवाएं खरीदने को मजबूर किया जाता है, जिससे डॉक्टरों को आर्थिक लाभ होता है।

स्थानीय नागरिकों ने कई बार की शिकायत
स्थानीय लोगों द्वारा विभागीय अधिकारियों को कई बार लिखित और मौखिक रूप से शिकायतें दी गईं, लेकिन कार्रवाई के नाम पर सिर्फ जांच के आश्वासन दिए गए। कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, जिससे आम जनता का भरोसा स्वास्थ्य तंत्र पर डगमगाने लगा है।

गिरती सेवाएं, बढ़ता असंतोष
इस स्वास्थ्य केंद्र पर सुविधाओं की गुणवत्ता लगातार गिरती जा रही है। मुफ्त और बेहतर स्वास्थ्य सेवा की सरकार की मंशा यहां दम तोड़ती नजर आ रही है। भ्रष्टाचार के इस खुले खेल पर प्रशासन की चुप्पी भी कई सवाल खड़े कर रही है।

सीएमओ की प्रतिक्रिया
इस मामले में जब मुख्य चिकित्साधिकारी (CMO) डॉ. अनिल गुप्ता से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा—
“यदि कोई भी व्यक्ति जांच के दौरान दलाली या कमीशनखोरी में संलिप्त पाया गया तो उसके खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाएगी।”

अब देखना यह होगा कि यह बयान कार्रवाई की ज़मीन पर उतरता है या महज औपचारिकता बनकर रह जाएगा।