सम्भल की विस्फोटक रिपोर्ट सीएम योगी को सौंपी गई

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सम्भल जनपद पर तैयार की गई एक गोपनीय रिपोर्ट सौंपी गई है। इस रिपोर्ट में जनपद की ऐतिहासिक, सामाजिक और सुरक्षा से जुड़ी कई गंभीर जानकारियां दर्ज हैं। रिपोर्ट सौंपने के समय यूपी के पूर्व डीजीपी अरविंद कुमार जैन, पूर्व आईएएस अमित मोहन प्रसाद और प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद भी मौजूद रहे। सूत्रों के मुताबिक यह रिपोर्ट प्रदेश की सुरक्षा व्यवस्था और सामाजिक ढांचे को गहराई से प्रभावित कर सकती है।

रिपोर्ट के मुख्य बिंदु:

बाबर काल के साक्ष्य:
सम्भल स्थित हरिहर मंदिर की नींव में बाबर काल के प्रमाण मिले हैं। रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया है कि इस साक्ष्य से ऐतिहासिक विवाद फिर गहराने की आशंका है।

डेमोग्राफिक बदलाव:
1947 में सम्भल नगर पालिका क्षेत्र की जनसंख्या में हिंदू 45% और मुस्लिम 55% थे।
वर्तमान में हिंदू घटकर केवल 15% रह गए हैं, जबकि मुस्लिम आबादी 85% तक पहुंच गई है।
रिपोर्ट में इस बदलाव की वजह तुष्टिकरण की नीतियां, योजनाबद्ध दंगे और भय का माहौल बताई गई है।

दंगे और अशांति:
रिपोर्ट में 1947 से 2019 तक 15 बड़े दंगों का दस्तावेजी विवरण दिया गया है।
इसमें उल्लेख है कि दंगों में सबसे अधिक नुकसान हिंदू समुदाय को झेलना पड़ा।

आतंकी नेटवर्क:
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि सम्भल आतंकी गतिविधियों के लिहाज से संवेदनशील जनपद है। कई संदिग्ध नेटवर्क यहां सक्रिय पाए गए हैं।

सूत्रों का कहना है कि यह रिपोर्ट आने वाले समय में न केवल प्रदेश सरकार की नीतियों पर असर डालेगी बल्कि प्रदेश की सुरक्षा रणनीति में भी बड़े बदलाव की नींव रख सकती है।