संकट के समय अपनी जान की परवाह किए बिना सेवा कार्य कर रहे स्वयंसेवक
लखनऊ। पूरे देश में सभी लोग कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई में अपना सहयोग दे कर लड़ रहे हैं और एक दूसरे का हाथ थाम आगे आ रहे है। ऐसी ही एक शुरूआत स्वयंसेवक संघ के द्वारा की गई। जहां संघ के लाखों कार्यकर्ताओं ने कोरोना की इस महामारी में बिना अपनी जान की परवाह किये हुए जनसेवा की है, लोगों को भोजन पहुंचाया है, बुजुर्ग दम्पतियों तक दवाएं पहुंचाई और उनकी सहायता में तत्पर रहे हैं। कोरोना की संभावित तीसरी लहर से समाज को बचाने के लिए भी संघ ने पूरी तैयारी कर ली है। संघ ने करीब 30 लाख लोगों को कोरोना से बचाव को लेकर प्रशिक्षण और सामाजिक चेतना के विकास के लक्ष्य पर कार्य कर रहा है। इस कार्यक्रम में विद्या भारती के शिक्षक, बच्चे और उनके अभिभावक सहित लाखों लोग आनलाइन जुड़े थे, जिनकी जिज्ञासाओं का समाधान भी किया गया।
केवल व्यक्ति निर्माण करता है संघ
मा. नरेन्द्र जी ने कहा कि संघ केवल व्यक्ति निर्माण करता है, उनको नई दिशा प्रदान करता है। समाज में जहां जैसी जरूरत पड़ती है, वहां पर अपना सहज दायित्व समझकर संघ समाज में योगदान देता है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि- आज वैचारिक संघर्षों की दृष्टि से संघ का विचार क्या है? उसको समाज में ले जाने के लिए वाणी के साथ-साथ दिखाने की भी आवश्यकता है।
दूसरी लहर के बाद सावधानियों से मुंह मोड़ते लोग
डॉ. शालिनी भसीन जी का कहना है कि कोरोना की दूसरी लहर के बाद जैसे लोगों ने सावधानियां बरतनी बंद कर दी है, उसको देखकर ऐसा लगता है कि तीसरी लहर आ सकती है। दूसरे देशों में तीसरी लहर भी आ चुकी है, ऐसे में इस बात को नकारा नहीं जा सकता है। उन्होंने कहा कि वयस्कों को वैक्सीन लग चुकी है, लेकिन बच्चों को अभी वैक्सीन लगना बाकी है। बच्चों को वैक्सीन न लगने की वजह से अभिभावकों के मन में भय है, लेकिन उन्हें घबराने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि बच्चों में अच्छी इम्युनिटी होती है और उनमें एसीई रिसेप्टर कम मात्रा में होते हैं, इसलिए उन्हें गंभीर संक्रमण का खतरा कम है। उन्होंने कहा कि हमें सावधानियां बरतनी होंगी, बच्चों की इम्युनिटी पर विशेष ध्यान देना होगा।