
जसवंतनगर/इटावा। आचार्य आदिसागर अंकलीकर इंटर कॉलेज में तपस्वी सम्राट 108 श्री सन्मति सागर जी महाराज का 15वां समाधि दिवस श्रद्धा और हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ विद्यालय के प्रबंधक विशुन कुमार द्वारा श्री सन्मति सागर जी महाराज की प्रतिमा पर दीप प्रज्वलन कर किया गया।
इस अवसर पर विद्यालय के प्रबंधक विशुन कुमार ने आचार्य श्री के तपस्वी जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि गुरुदेव श्री सन्मति सागर जी महाराज भोजन ग्रहण नहीं करते थे और 48 घंटे में केवल एक बार मट्ठा व जल लेते थे। उन्होंने आजीवन अन्न एवं सभी प्रकार के रसों का पूर्ण त्याग रखा। गुरुदेव सामान्य व्यक्ति की तरह सोते नहीं थे, बल्कि रात्रि 8 बजे से 11 बजे तक योग निद्रा में रहते थे और शेष समय ज्ञान अध्ययन व साधना में व्यतीत करते थे। वे 24 घंटे में मात्र तीन से चार घंटे ही विश्राम करते थे। आचार्य श्री ने 73 वर्ष की आयु में 24 दिसंबर 2010 को अपने प्राण त्यागे।
बताया गया कि आचार्य श्री सन्मति सागर जी महाराज के पट्ट शिष्य चतुर्थ पट्टाचार्य सुनील सागर जी महाराज वर्तमान में दिगंबर जैन धर्म एवं अपनी गुरु परंपरा की धर्म ध्वजा को निरंतर आगे बढ़ा रहे हैं। समाधि दिवस के उपलक्ष्य में सेवा कार्य भी किए गए। जिला चिकित्सालय में मरीजों को विद्यालय के डायरेक्टर डॉ. उज्जवल यादव, डॉ. प्रज्ञा यादव एवं सीमा यादव द्वारा फलों का वितरण किया गया। वहीं विद्यालय प्रबंधक विशुन कुमार द्वारा अंध स्पर्श विद्यालय एवं वृद्धाश्रम में ₹15,000 की खाद्य सामग्री का दान किया गया।
कार्यक्रम में विभा यादव, अचला वर्मा, विपिन कुमार, चेतन सिंह, अविनाश कुमार बाथम, शिखा अग्रवाल, कंचन वर्मा, शीला शर्मा, सुमित यादव, श्रुति यादव, सुमित सिंह, शुभ्रा सक्सेना, प्रीति राही, दिव्या यादव, श्रेया वर्मा, महक पाल, अंजू द्विवेदी, अविनेश शाक्य, राजीव यादव, पूजा यादव सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे।