
रामनगर, बाराबंकी। नेपाल के बनबसा और गिरिजा बैराज से छोड़े गए लाखों क्यूसेक पानी के चलते सरयू नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 53 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच गया है। शुक्रवार सुबह नदी का जलस्तर 106.600 मीटर पर स्थिर हुआ, लेकिन बाढ़ का पानी अब तेजी से निचले इलाकों की ओर बढ़ने लगा है।
प्रभावित इलाकों में दुर्गापुर, सिसौंडा, तपेसिपाह, लहड़रा, मल्लाहन पुरवा, कोरिन पुरवा और तिवारी पुरवा समेत दर्जनों गांव बाढ़ की चपेट में हैं। मल्लाहन पुरवा के कुछ घरों में पानी घुस गया है, जिससे लोगों को ऊंचे स्थानों की ओर शरण लेनी पड़ी है। कुछ गांवों के संपर्क मार्ग भी जलमग्न हो चुके हैं, जिससे आवागमन में कठिनाई बढ़ गई है।
बृहस्पतिवार को नेपाल की ओर से बनबसा और गिरिजा बैराज से एक साथ करीब 3.50 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था। यही पानी शुक्रवार को बाराबंकी के निचले इलाकों में तबाही का संकेत लेकर पहुंचा।
प्रशासन ने बढ़ाई सक्रियता
तहसीलदार विपुल कुमार सिंह ने बताया कि अब तक बाढ़ से प्रभावित दो दर्जन से अधिक परिवारों को तिरपाल मुहैया कराए गए हैं ताकि वे बारिश और धूप से बच सकें। उन्होंने कहा कि प्रशासन हर स्थिति के लिए पूरी तरह से तैयार है और राहत कार्यों को प्राथमिकता पर अंजाम दिया जा रहा है।
बाढ़ की यह स्थिति अगर बनी रही या जलस्तर में और इजाफा हुआ, तो बड़े पैमाने पर नुकसान की आशंका है। ग्रामीणों से सतर्क रहने और ज़रूरत पड़ने पर प्रशासनिक दिशा-निर्देशों का पालन करने की अपील की गई है।
सरयू नदी का प्रकोप एक बार फिर साबित कर रहा है कि सीमावर्ती क्षेत्रों में नेपाल से आने वाला पानी हर साल के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ है।