
रामनगर (बाराबंकी), 5 अगस्त — गिरिजा और बनबसा बैराज से छोड़े गए लाखों क्यूसेक पानी के चलते सरयू नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ गया है। मंगलवार शाम 4 बजे नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार करते हुए 106.440 मीटर पर पहुंच गया, जो खतरे के स्तर से 37 सेंटीमीटर ऊपर है। वर्तमान में जलस्तर एक सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है।
सरयू नदी का यह रौद्र रूप तराई क्षेत्र में बसे गांवों के लिए भारी खतरे की घंटी बन गया है। यदि जलस्तर इसी रफ्तार से बढ़ता रहा तो सिसौंडा, तपे सिपाह, दुर्गापुर, लहड़रा, कोरिन पूरवा, परसादी पूरवा, तिवारी पुरवा, जैन पूरवा, परशुराम पूरवा सहित दर्जनों गांवों में पानी प्रवेश कर सकता है।
बढ़ते जलस्तर को देखते हुए ग्रामीणों के चेहरे पर चिंता की लकीरें गहरी होती जा रही हैं। नदी का पानी नालों के जरिए गांवों की ओर बढ़ रहा है, जिससे खतरा और अधिक बढ़ गया है।
बाढ़ की आशंका को देखते हुए प्रशासन सतर्क हो गया है। न्यायिक मजिस्ट्रेट/उप जिलाधिकारी गूंजिता अग्रवाल, तहसीलदार विपुल कुमार सिंह, नायब तहसीलदार सैयद तहजीब हैदर, और बीपी तिवारी सहकारी अमले के साथ संभावित बाढ़ प्रभावित गांवों का लगातार दौरा कर रहे हैं।
तहसीलदार विपुल कुमार सिंह ने बताया कि अभी बाढ़ का सीधा खतरा नहीं है, लेकिन तहसील से गठित टीमें अलर्ट मोड पर हैं और सभी आवश्यक संसाधन तैयार हैं। प्रशासन का दावा है कि बाढ़ से निपटने के लिए पूरी तैयारी कर ली गई है।