नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को उस याचिकाकर्ता पर 10,000 का जुर्माना लगाया, जिन्होंने आईआईटी कैंपस में आत्महत्या के बढ़ते मामलों की समस्या से निपटने के लिए एक कार्यक्रम तैयार करने और इसे लागू करने तथा इस बाबत केंद्र व आईआईटी को निर्देश देने की मांग की थी।
न्यायमूर्ति आर. एफ. नरीमन, नवीन सिन्हा और इंदिरा बनर्जी की पीठ ने कहा कि यह पूरी तरह से बेकार याचिका है। साथ ही पीठ ने याचिकाकर्ता गौरव कुमार बंसल से पूछा, हम आपपर कितना जुर्माना लगाएं?
पीठ ने पाया कि केंद्र स्थिति से अच्छी तरह से अवगत है और पूरे देश के आईआईटी कैंपसों में आत्महत्या का मामला उठाने वाली इस याचिका को खारिज कर दिया।
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मामले पर सुनवाई के दौरान, बंसल ने कहा कि बीते 5 वर्षो में करीब 50 छात्रों ने आत्महत्या की है।
उन्होंने इस मामले में शीर्ष अदालत को हस्तक्षेप करने और शिक्षा मंत्रालय व आईआईटी को छात्र कल्याण कार्यक्रम बनाने और इसे लागू करने के लिए निर्देश देने की मांग की।
अदालत ने हालांकि मामले पर सुनवाई से इनकार कर दिया।
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मामले में केंद्र की प्रतिक्रिया का हवाला देते हुए, कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा प्रशासन के पास यह मामला संज्ञान में है।
पीठ ने कहा, हम इसे खारिज करते हैं। साथ ही कानूनी सेवा प्राधिकरण को 10,000 रुपये देने का आदेश देते हैं।