रांची: रिम्स परिसर स्थित केली बंगला यानी डायरेक्टर बंगला वैसे तो वीरान पड़ा रहता था, लेकिन बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Vidhansabha election) की घोषणा होने के बाद आरजेडी कार्यकर्ताओं का यहां खूब जुटान होने लगा है. इससे ये इलाका अभी गुलजार रह रहा है.
वैसे तो जेल मैनुअल के हिसाब से लालू यादव (Lalu Yadav) से मुलाकात का दिन शनिवार का है और तीन व्यक्ति ही मुलाकात कर पाते हैं लेकिन बिहार से सैकड़ों की संख्या में लोग यहां लालू से मिलने पहुंच रहे हैं.
हाथ में बायोडाटा लिए और गेट पर पर्ची देते हुए देखे जा रहे हैं. सभी की मंशा है कि लालू की एक झलक मिल जाए और अगर एक मुलाकात हो जाए तो उनकी बात बन जाएगी. उनका टिकट फाइनल हो जाएगा. कई लोग ऐसे भी हैं जो अपनी टिकट की दावेदारी के लिए नहीं बल्कि अपने क्षेत्र के सही उम्मीदवार की पैरवी के लिए रांची पहुंचे हैं.
उनका साफ तौर पर कहना है कि हम लालू यादव से मिलकर अपने क्षेत्र के लिए अच्छे उम्मीदवार की मांग करेंगे. हालांकि, वहां पहुंचे ज्यादातर नेता मीडिया की नजरों से बचते फिरते रहते हैं, लेकिन मीडिया के जाने के बाद फिर से इकट्ठा हो कर लालू से मिलने में लग जाते हैं.
पूछने पर कहते हैं कि हमारे कोई परिजन यही भर्ती हैं जिन्हें देखने आए हैं और खुद भी इलाज कराने आए हैं. हालांकि, यह बहाना है लालू यादव से मुलाकात के लिए आरजेडी के नेता और कार्यकर्ता हर तरह की जुगाड़ में जुटे हुए हैं. कई लोग 2 सप्ताह से तो कई 1 सप्ताह से रांची में होटल लेकर ठहरे हुए हैं.
एक तरफ जहां बिहार में राबड़ी आवास के बाहर टिकट के लिए कार्यकर्ताओं की भीड़ लगी है, वही दूसरी तरफ रांची स्थित रिम्स के डायरेक्टर बंगला के बाहर गाड़ियों और कार्यकर्ताओं की भीड़ जुटी रहती है. सबका कहना है कि एक मुलाकात जरूरी है अगर लालू यादव से मुलाकात हो गई तो टिकट भी पक्की है.
वही, दूसरी तरफ लालू यादव के चाहने वाले भी चलकर बिहार के छपरा जिले से चलकर रामबाबू अपनी कार से लालू यादव के लिए कई सामान खाने के लिए लेकर फिर आज आए हैं. हालांकि, जब लालू यादव रिम्स के पेइंग वार्ड में इलाजरत थे. तब भी रामबाबू लालू यादव के लिए दही-चूड़ा और अन्य सामान लेकर आया करते थे.
अपने खेत में उगाकर कर यह तमाम सब्जी रामबाबू लालू यादव के लिए अपने कार से 600 किलोमीटर का सफर तय कर यहां पहुंचे हैं. लालू यादव को रामबाबू अपना भगवान मानते हैं और इसीलिए वह सब कुछ यहां लेकर पहुंचते हैं. साथ ही उनका कहना है कि इस सप्ताह में दूसरी बार बिहार से आए हैं इस बार बिना मुलाकात के नहीं लौटेंगे.
फिलहाल, बिहार में चुनाव की घोषणा के साथ ही रिम्स में भी लालू के पास नेताओं की सरगर्मी बढ़ गई है. अब देखना होगा कि कितने लोगों को लालू यादव से आने वाले दिनों में मुलाकात हो पाती है.