सेतु बंध बनाकर राम सेना ने किया लंका में प्रवेश, हनुमान ने संजीवनी बूटी से बचाया लक्ष्मण

रिपोर्ट: रजत गुप्ता (जसवंतनगर/इटावा)

जसवंतनगर/इटावा। नगर की अंतरराष्ट्रीय प्रसिद्धि प्राप्त मैदानी रामलीला में सोमवार को दर्शकों की खचाखच भीड़ के बीच रोमांचक लीला का मंचन हुआ। समुद्र पर सेतु बंध बनाकर राम सेना लंका की सीमा में प्रवेश कर गई। राम दल के नल-नील के सहयोग से वानर सेना ने समुद्र पर पुल बना दिया और लंका की ओर बढ़ गई।

रावण के दरबार में रामदूत अंगद ने चुनौती दी कि कोई भी उनका पैर हिला न सके। रावण के बड़े-बड़े बलशाली योद्धा भी असफल रहे। अंत में रावण स्वयं अंगद का पैर उठाने को आए, तब अंगद ने उन्हें चेतावनी दी कि अगर पकड़ना है तो श्री राम के पैर पकड़ो। अंगद लौट कर राम के शिविर में पहुंचे।

इस बीच रावण ने अपने पुत्र मेघनाथ को लक्ष्मण से युद्ध के लिए भेजा। भीषण युद्ध में लक्ष्मण पर मेघनाथ ने शक्ति प्रहार किया, जिससे वह मूर्छित हो गए। हनुमान संजीवनी बूटी लाने के लिए रवाना हुए और पहचान न पाने पर पूरे पर्वत को उठा लाए। संजीवनी बूटी से लक्ष्मण को खिला कर उनकी जान बचाई गई और राम दल में खुशी की लहर दौड़ गई।