नहर में छोड़ा गया पानी किसानों के खेतों तक नहीं पहुंचा, अवैध बालू खनन बना बड़ी मुसीबत


पसगवां (खीरी)। जनपद लखीमपुर खीरी के पसगवां क्षेत्र में शारदा नहर में पानी छोड़े जाने के बावजूद किसानों के खेतों तक सिंचाई का पानी नहीं पहुंच पा रहा है। इसकी मुख्य वजह नहर में पोकलैंड और जेसीबी मशीनों द्वारा किया गया अवैध बालू खनन बताया जा रहा है, जिससे न केवल नहर की संरचना को नुकसान पहुंचा है बल्कि किसानों की फसलें भी प्रभावित हो रही हैं।
किसानों का आरोप है कि अवैध खनन के दौरान नहर से जुड़े कई कुलाबों को तोड़ दिया गया और शेष कुलाबों को बंद कर दिया गया, जिससे सैकड़ों किसानों के खेतों तक पानी पहुंचने का रास्ता पूरी तरह अवरुद्ध हो गया है। बरखेरिया जाट, जसमढ़ी, जेबीगंज और नेवादा गांव के किसानों का कहना है कि नहर की गहराई पहले से कहीं अधिक कर दी गई है, जिससे नहर में उतरना भी खतरनाक हो गया है। ठेकेदारों द्वारा नहर की पटरी पर ऊंची-ऊंची बालू की दीवारें खड़ी कर दी गई हैं, जिससे किसानों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
स्थिति यह है कि किसान पंपिंग सेट लगाकर भी अपने खेतों तक पानी नहीं पहुंचा पा रहे हैं। सैकड़ों किसानों की फसलें सूखने की कगार पर हैं और अवैध बालू खनन इस वर्ष किसानों के लिए बड़ी मुसीबत बन गया है। किसानों का कहना है कि जिम्मेदार अधिकारी कुछ चुनिंदा लोगों की चिंता करते हैं, जबकि अन्नदाता की समस्याओं को अनदेखा किया जा रहा है।
हालांकि एसडीएम मोहम्मदी द्वारा नहर में चल रहे पोकलैंड से अवैध खनन को लेकर कार्रवाई जरूर की गई, लेकिन किसानों का आरोप है कि उससे पहले ही खनन माफिया करोड़ों रुपये की बालू बेच चुके हैं। इसके बावजूद अब तक किसी भी खनन माफिया के खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं किया गया है। किसानों में इस बात को लेकर भारी नाराजगी है और वे मीडिया के माध्यम से अपनी आवाज जिम्मेदारों तक पहुंचा रहे हैं। किसानों की मांग है कि अवैध खनन पर सख्त कार्रवाई की जाए और जल्द से जल्द नहर के कुलाबे खुलवाकर खेतों तक पानी पहुंचाया जाए।