
‘कांटा लगा’ फेम अभिनेत्री शेफाली जरीवाला की रहस्यमयी मौत ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। शुरुआत में मामला सामान्य लग रहा था, लेकिन जब पुलिस ने उनकी मौत की तह में जाना शुरू किया, तो एक ऐसा सच सामने आया जिसने सबको चौंका दिया।
पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि शेफाली पिछले कई वर्षों से एंटी एजिंग दवाओं का लगातार सेवन कर रही थीं। उनकी अलमारी से भारी मात्रा में हार्मोनल पिल्स, विटामिन सप्लीमेंट्स, गैस्ट्रिक दवाएं और स्किन से जुड़ी ड्रग्स बरामद की गई हैं।
इन दवाओं में खासतौर पर ह्यूमन ग्रोथ हार्मोन (HGH), डीएचईए (DHEA), ग्लूटाथियोन, कॉलेजन सप्लीमेंट्स और रेटिनोइड्स जैसी दवाएं शामिल थीं, जिन्हें बिना चिकित्सकीय देखरेख के लगातार लेना जानलेवा साबित हो सकता है।
मौत के पीछे क्या है विज्ञान?
एंटी एजिंग दवाएं कोई चमत्कारी उपाय नहीं, बल्कि शरीर के हॉर्मोन सिस्टम के साथ खतरनाक छेड़छाड़ हैं। इनसे लीवर, किडनी, दिल, दिमाग और हार्मोनल सिस्टम पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।
शेफाली की मौत इसी “खूबसूरती की कीमत” का नतीजा बन गई, जहां उम्र को थामने की कोशिश ने जान ही छीन ली।
उम्र से लड़ाई या सेहत से खिलवाड़?
अब सवाल उठता है कि जवान दिखने की यह सनक कहां तक जायज़ है? क्या उम्रदराज़ होना वाकई इतना डरावना है कि लोग ज़िंदगी को ही खतरे में डाल दें?
विशेषज्ञों की मानें तो आज की पीढ़ी एक ऐसा भ्रम जी रही है, जिसमें “हमेशा जवान दिखना” सफलता की शर्त बन चुका है। यही वजह है कि हजारों लोग सोशल मीडिया पर दिखने वाली सुंदरता के पीछे दौड़ते हुए एंटी एजिंग दवाओं का सेवन करने लगे हैं — चाहे उसके लिए सेहत को ही क्यों न गिरवी रखना पड़े।
क्या है सही रास्ता?
विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि उम्र को अपनाइए, संतुलित आहार, योग, व्यायाम, अच्छी नींद और तनावमुक्त जीवन ही असली ‘एंटी एजिंग’ है।
शेफाली जरीवाला की मौत एक सिल्वर स्क्रीन की त्रासदी नहीं, बल्कि आज की जीवनशैली की खौफनाक हकीकत है। यह एक चेतावनी है उन सभी के लिए जो जवानी के भ्रमजाल में पड़कर ज़हर जैसी दवाइयों की गिरफ्त में हैं।