शेरपा को आपने देखा या उनके बारे में जरुर सुना होगा. वह पर्वर्तारोही के मार्गदर्शक होते है. यह हिमालय की वादियों में रहते है. असली शेरपा नेपाल और तिब्बत में रहते है. एक आम पर्वतारोही जब 8000 फिट ऊपर पहुंचता है तो उसको सांस लेने में परेशानी की संभावना बनी रहती है. उसका रक्तचाप भी बढ सकता है. कई बार तो उसके मस्तिक में सुजन तक आ जाती है.

लेकिन शेरपा में एक प्रकार की एथलीट जीन पाई जाती है, वह हिमालय में 14000 फिट ऊपर भी आराम से सर्वाइव कर लेते है. शायद इनकी इन्ही खासियत की वजह से प्रेरित होकर G 20 के एक विशेष पद शेरपा का नाम रखा गया होगा.
जी-20 में शेरपा, कूटनीति और राजनैतिक के माहिर लोगो को कहा जाता है. जिस तरह से पहाड़ो पर शेरपा पर्वर्तारोही को ऊपर पहुचाते है. उसी तरह से कूटनीति के जानकार शेरपा जी-20 में कई अहम मोर्चा को संभालेंगे.
भारत की G 20 शेरपा अमिताभ कांत हैं. वह नीति आयोग के पूर्व सीईओ और केरल कैडर के आईएएस रह चुके है. इससे पहले केन्द्रीय मंत्री पियूष गोयल को शेरपा की जिम्मेदारी मिली थी. लेकिन उनके पास अन्य महत्वपूर्ण कार्यो की भी जिम्मेदारी होने कारण, ये जिम्मेदारी अमिताभ कांत को सौपी गयी.
अमिताभ कांत को शेरपा की जिम्मेदारी के तहत देशों के आपसी मुद्दों पर बात करनी होगी. साथ ही अलग-अलग वर्किंग ग्रुप्स के बीच तालमेल बिठाने का काम भी शेरपा के जिम्मे आता है.13 वर्किंग ग्रुप बने हुए हैं जिनमे एनर्जी, ट्रेड-इनवेस्टमेंट, डेवलपमेंट, एम्प्लॉयमेंट, टूरिज्म, एग्रीकल्चर, डिजिटल इकनॉमी, हेल्थ, एजुकेशन, कल्चर, एनवायरमेंट और एंटी-करप्शन आते है. शेरपा इन मुद्दों पर बात करेगा.