भस्म और रुद्राक्ष धारण करने से मान-सम्मान और ऐश्वर्य की प्राप्ति : कथावाचक प्रद्युम्न कृष्ण

कुशीनगर।शिव कैलाश परिवार के तत्वावधान में पडरौना नगर स्थित पिंजरापोल गौशाला प्रांगण में आयोजित श्री शिव महापुराण कथा के दूसरे दिन बुधवार को वृंदावन से पधारे कथावाचक प्रद्युम्न कृष्ण महाराज ने बेलपत्र, भस्म और रुद्राक्ष की महिमा का विस्तारपूर्वक वर्णन किया।

कथावाचक ने कहा कि बेलपत्र, भस्म और रुद्राक्ष धारण करना अत्यंत पवित्र व शुभ माना गया है, जो न केवल सभी पापों का नाश करते हैं, बल्कि मनोकामना पूर्ति, धन, वैभव, आरोग्य और अंत में मोक्ष की प्राप्ति भी कराते हैं। उन्होंने बताया कि ये तीनों भगवान शिव को अत्यंत प्रिय हैं और इन्हें धारण करने वाला व्यक्ति शिवलोक प्राप्त करता है।

बेलपत्र का महत्व

प्रद्युम्न कृष्ण ने कहा कि बेलपत्र के तीन पत्ते ब्रह्मा, विष्णु और महेश का प्रतीक हैं। बेलपत्र से पूजा करने पर मन को शांति मिलती है और सभी पाप समाप्त होते हैं। बेलपत्र की जड़ के पास दीपक जलाने या भोजन कराने से दरिद्रता दूर होती है और घर में सुख-समृद्धि आती है।

भस्म की महिमा

उन्होंने कहा कि भस्म शिव का स्वरूप है। ललाट पर भस्म धारण करना शिवभक्त की पहचान है। इसे लगाने से सांसारिक सुख, मोक्ष और भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है।

रुद्राक्ष का प्रभाव

कथावाचक ने रुद्राक्ष को शिव का अंश बताते हुए कहा कि इसे धारण करने से सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं, पाप नष्ट होते हैं, तथा भूत-प्रेत, डाकिनी-शाकिनी जैसी बाधाएं दूर रहती हैं।
रुद्राक्ष धारण करने वाले व्यक्ति को समाज में मान-सम्मान, प्रतिष्ठा और ऐश्वर्य प्राप्त होता है तथा देवता प्रसन्न रहते हैं।

कार्यक्रम में संस्था के सदस्य कुलदीप, पीयूष, बिक्की, विजय, अमन, मनीष गोयल, शिवशंकर, पिंजरापोल गौशाला के मंत्री अखिलेश गोयल, प्रदीप गोयल, ओमप्रकाश अग्रवाल सहित कई भक्त मौजूद रहे।