
हरदोई। अहमद नगर गांव में आयोजित शिव सत्संग मण्डल के आंचलिक शिवोत्सव में मण्डलाध्यक्ष आचार्य अशोक ने कहा कि परमेश्वर के ध्यान, भजन और आध्यात्मिकता के मार्ग पर चलकर ही जीवन का समग्र कल्याण संभव है। उन्होंने कहा कि संतों और महापुरुषों ने सदैव समाज को ज्ञान, एकता और मानवता का संदेश दिया है। “जाति-जाति में बंटा समाज कभी भी सशक्त नहीं हो सकता,” यह कहते हुए उन्होंने सामाजिक समरसता और आध्यात्मिक चेतना को समय की सबसे बड़ी आवश्यकता बताया।
शाहजहांपुर के जिला अध्यक्ष डॉ. कालिका प्रसाद ने भगवान शिव की महिमा का वर्णन करते हुए कहा कि वे करुणामय, कल्याणकारी और न्यायप्रिय देव हैं। शिव भक्ति मनुष्य को भय, पाप और दुखों से मुक्ति दिलाती है तथा त्याग, संयम और करुणा का मार्ग दिखाती है।
शाहजहांपुर की धर्म प्रचारिका सुदामा देवी ने कहा कि शिव सत्संग मण्डल समाज में आध्यात्मिक चेतना की अलख जगा रहा है। ध्यान और भजन से मानसिक शांति मिलती है, जो मानव जीवन के लिए अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि विकारों का त्याग कर परमात्मा से सच्चा प्रेम और समर्पण ही जीवन को सार्थक बनाता है।
हरदोई के जिला अध्यक्ष प्रेम कुमार ने कहा कि शिव समाधि—चेतना की चौथी अवस्था—का प्रतीक हैं, जिसे केवल ध्यान के माध्यम से ही प्राप्त किया जा सकता है। व्यवस्था प्रमुख यमुना प्रसाद ने कहा कि पूरी सृष्टि शिव तत्व से निर्मित है, इसलिए शिव को विश्वरूप कहा जाता है।
सत्संगी नन्हें लाल ने ध्यान और भजन को जीवन की सफलता का आधार बताया। वरिष्ठ सत्संगी डॉ. रामौतार ने दान और सत्संग की महिमा पर प्रकाश डाला, जबकि सत्संगी सोनपाल, हनुमंत एवं अधिवक्ता रामौतार ने जीवन में शाकाहार, भजन और एकाग्रता को आवश्यक बताया।
भजनोपदेशक श्री कृष्ण, रोहित वर्मा, धनीराम, रामचंद्र, भैयालाल, आशाराम और योग प्रशिक्षक सत्यम सक्सेना ने आध्यात्मिक ऊर्जावान भजन प्रस्तुत किए।
शिवोत्सव का शुभारंभ केंद्रीय संयोजक रवि वर्मा एवं डॉ. अजय पाल सिंह के संयुक्त संचालन में हुआ। शिक्षक प्रेम भाई एवं राजकुमार सत्संगी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की। धर्मोत्सव को सफल बनाने में सत्संगी रामनिवास, रामकुमार, देव सिंह, प्रदीप, राजकुमार आदि का विशेष योगदान रहा।
समापन पर सभी सत्संगियों ने प्रतिदिन ब्रह्ममुहूर्त में उठकर परमात्मा का सुमिरन करने का संकल्प लिया।