किसानों की शिकायत पर गठित टीम ने खनन स्थल का किया निरीक्षण, आंदोलन की चेतावनी


सिंगाही-खीरी। मांझा पंचायत क्षेत्र में आवंटित खनन पट्टे को लेकर उठे विवाद के बाद जिलाधिकारी के आदेश पर गठित जांच टीम ने शनिवार को मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। जौराहा नदी पर खनन ठेकेदारों द्वारा बनाए गए अस्थायी पुल को लेकर किसानों और ग्रामीणों में लंबे समय से रोष बना हुआ है।
जानकारी के अनुसार इलाके से होकर बहने वाली जौराहा नदी, जो अभिलेखों में नाला दर्ज है, उसमें खनन विभाग द्वारा बालू खनन के लिए पट्टा आवंटित किया गया है। खनन कार्य के लिए ठेकेदार द्वारा नदी पर ह्यूम पाइप डालकर पुल का निर्माण किया गया, जिसका मांझा पंचायत के ग्रामीण लगातार विरोध कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि इससे नदी में कटान बढ़ेगा और आसपास की कृषि भूमि को भारी नुकसान पहुंचेगा।
ग्रामीणों की शिकायत पर जिलाधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल ने मामले को गंभीरता से लेते हुए एसडीएम निघासन, लोक निर्माण विभाग और खनन विभाग की संयुक्त टीम गठित की थी। शनिवार को एसडीएम राजीव निगम, लोक निर्माण विभाग के जेई पीके सरोज और खनन इंस्पेक्टर आशीष सिंह मौके पर पहुंचे और खनन स्थल सहित जौराहा नदी पर बनाए गए पुल का निरीक्षण किया।
टीम के पहुंचते ही बड़ी संख्या में पीड़ित सिख किसान और ग्रामीण मौके पर एकत्र हो गए। किसानों ने अधिकारियों के सामने खनन से हो रहे कटान का मुद्दा उठाते हुए पट्टा आवंटन का कड़ा विरोध किया। सिख समाज और किसान संगठनों के पदाधिकारियों ने स्पष्ट शब्दों में चेतावनी दी कि यदि जबरन खनन कराया गया तो किसान और सिख संगठन मौके पर ही टेंट लगाकर बड़ा आंदोलन शुरू करेंगे। इस दौरान खनन अधिकारी के खिलाफ नारेबाजी भी की गई।
निरीक्षण के दौरान टीम ने ग्रामीणों द्वारा बनाए गए लकड़ी के पुल का भी अवलोकन किया और पूरे मामले को गंभीरता से सुना। अधिकारियों ने ग्रामीणों की आपत्तियों को संज्ञान में लेने और जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई का आश्वासन दिया। फिलहाल क्षेत्र में तनावपूर्ण शांति बनी हुई है और प्रशासनिक निर्णय का सभी को इंतजार है।