
किरावली (आगरा)।सरकारी खरीद केंद्रों पर बाजरा खरीद की रफ्तार बेहद सुस्त है। एक माह बीत जाने के बाद भी अब तक सिर्फ 24 किसानों से 1600 क्विंटल बाजरा की खरीद ही हो सकी है। किसानों का कहना है कि इतनी धीमी रफ्तार से न तो समय पर भुगतान संभव है और न ही रबी फसलों की बुवाई की तैयारी हो पा रही है।
जानकारी के अनुसार, फतेहपुर सीकरी खरीद केंद्र पर प्रतिदिन 600 क्विंटल खरीद का लक्ष्य तय किया गया था, लेकिन औसतन 300 क्विंटल प्रतिदिन ही खरीद हो पा रही है। केंद्र पर दो प्रभारी मौजूद हैं, जबकि एक प्रभारी लगातार अनुपस्थित बताया जा रहा है। इस केंद्र पर 20 दिसंबर तक 20 हजार क्विंटल बाजरा खरीदने का लक्ष्य निर्धारित है।
किसानों में बढ़ी बेचैनी, मिल नहीं रहा उचित मूल्य
धीमी खरीद प्रक्रिया से निराश किसान अब निजी मंडियों में 2200 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर अपना बाजरा बेचने को मजबूर हैं, जबकि सरकारी एमएसपी दर से प्रति क्विंटल 600–700 रुपये तक का नुकसान झेलना पड़ रहा है। किसान संगठनों का कहना है कि यह स्थिति सरकारी उदासीनता और तंत्र की लापरवाही का परिणाम है।
किसान नेताओं ने जताया रोष, दी चेतावनी
इस मामले में भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) के जिलाध्यक्ष दीपक तोमर और किसान मजदूर नेता चौधरी दिलीप सिंह फतेहपुर सीकरी खरीद केंद्र पहुंचे और किसानों से बातचीत की।
उन्होंने केंद्र प्रभारी गंगा यादव से खरीद प्रक्रिया की जानकारी ली तथा अतिरिक्त प्रभारी रीता राज की अनुपस्थिति पर नाराजगी जताई।
किसान नेताओं ने डीएमएफओ नंद किशोर से फोन पर बात कर स्थिति में सुधार की मांग की और चेतावनी दी कि यदि दो दिन के भीतर खरीद में तेजी नहीं आई, तो वे जिलाधिकारी अरविन्द मल्लप्पा बंगारी से मिलकर औपचारिक शिकायत करेंगे और आंदोलन का रास्ता अपनाएंगे।
किसानों का कहना है कि जब तक खरीद प्रक्रिया में पारदर्शिता और तेजी नहीं लाई जाएगी, तब तक किसान निजी व्यापारियों के हाथों नुकसान झेलने को मजबूर रहेंगे।