
बाराबंकी/लखनऊ। श्री रामस्वरूप मेमोरियल यूनिवर्सिटी पर विवाद गहराता जा रहा है। एक ओर विश्वविद्यालय प्रबंधन पर सरकारी जमीन कब्जाने का मामला सामने आया है तो दूसरी ओर एलएलबी की मान्यता नवीनीकरण न होने से छात्रों का भविष्य संकट में पड़ गया है। स्थिति इतनी बिगड़ी कि छात्रों और एबीवीपी कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज तक हो गया।
बुधवार की देर रात बाराबंकी की कोतवाली नगर में विश्वविद्यालय प्रबंधन के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया। राजस्व प्रशासन की जांच में पाया गया कि विश्वविद्यालय ने नाली, चकमार्ग, तालाब और बंजर समेत करीब छह बीघे सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा किया है। तहसीलदार कोर्ट ने 25 अगस्त को 27.96 लाख रुपये का जुर्माना लगाते हुए 30 दिन में कब्जा हटाने का आदेश दिया। आदेश का पालन न होने पर बुलडोज़र चलाने की तैयारी है।
इधर, विश्वविद्यालय में चल रहे विधि संकाय को लेकर विवाद ने बड़ा रूप ले लिया है। अयोध्या मंडल आयुक्त की जांच में पाया गया कि 2023-24 और 2024-25 में विश्वविद्यालय बिना मान्यता के एलएलबी की कक्षाएं चला रहा था। इसी मुद्दे पर तीन दिन पहले छात्रों और एबीवीपी ने प्रदर्शन किया, जिसके दौरान पुलिस ने लाठीचार्ज किया।
लखनऊ में गुरुवार को एबीवीपी कार्यकर्ताओं और विधि छात्रों ने पीसी कर आरोप लगाया कि आंदोलन के दौरान बाहरी गुंडों ने हमला किया और पुलिस ने बर्बर लाठीचार्ज किया। एबीवीपी के राष्ट्रीय मंत्री अंकित शुक्ला ने कहा कि परिषद ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर 48 घंटे में कार्रवाई की मांग की है, अन्यथा प्रदेशव्यापी आंदोलन किया जाएगा।
स्थानीय लोगों और भाकियू कार्यकर्ताओं ने भी पहले विश्वविद्यालय पर सरकारी जमीन कब्जाने की शिकायत की थी, लेकिन कार्रवाई नहीं हो सकी। अब तहसीलदार कोर्ट का आदेश जारी होने और लाठीचार्ज की घटना सामने आने के बाद मामला और तूल पकड़ गया है।
विश्वविद्यालय की रजिस्ट्रार डॉ. नीरजा जिंदल का कहना है कि उन्हें किसी आदेश या नोटिस की जानकारी नहीं है। वहीं, एसडीएम नवाबगंज आनंद तिवारी ने पुष्टि की है कि 18 गाटा संख्या सरकारी भूमि के चिह्नित होने पर बेदखली और जुर्माने का आदेश दिया गया है।