घटनाक्रम में संलिप्त दोषियों पर सुनिश्चित हो कठोरतम कार्रवाई, पीड़ित छात्रों को मिले न्याय: अभाविप

SRMU लाठीचार्ज प्रकरण में सरकार द्वारा बनाए गए जांचाधिकारी अभाविप प्रतिनिधिमंडल से मिले

लखनऊ। श्री रामस्वरूप मेमोरियल विश्वविद्यालय, बाराबंकी में शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे छात्रों पर पुलिस द्वारा किए गए बर्बरतापूर्ण लाठीचार्ज प्रकरण में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा संज्ञान लिए जाने और कार्रवाई के निर्देश के पश्चात मंगलवार को जांचाधिकारी मंडलायुक्त अयोध्या राजेश कुमार व आईजी रेंज अयोध्या प्रवीण कुमार ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की।

प्रतिनिधिमंडल में राष्ट्रीय मंत्री अंकित शुक्ल, काशी प्रांत मंत्री अभय प्रताप सिंह, गोरक्ष प्रांत मंत्री मयंक राय, कानपुर प्रांत मंत्री शिवा राजे बुंदेला, अवध प्रांत संगठन मंत्री अंशुल विद्यार्थी, राष्ट्रीय कार्यकारिणी परिषद सदस्य सृष्टि सिंह तथा राष्ट्रीय कार्यकारिणी परिषद सदस्य ऋषभ सिंह बिसेन मौजूद रहे। प्रतिनिधिमंडल ने पूरी घटना की जानकारी जांचाधिकारियों को देते हुए दोषी अधिकारियों पर कठोरतम कार्रवाई की मांग रखी।

अभाविप ने जांच अधिकारियों को बताया कि सोमवार को संगठन ने विश्वविद्यालय में गंभीर मुद्दों—लॉ डिग्री की मान्यता पर धोखे, अवैध रूप से दो छात्रों के निष्कासन, मनमानी फीस वसूली, अवैध रूप से 5000 रुपए का अर्थदंड लगाने और 15 अगस्त की ‘सतत तिरंगा यात्रा’ के विरोध—को लेकर आंदोलन किया था। परिषद का आरोप है कि विश्वविद्यालय प्रशासन बीसीआई (बार काउंसिल ऑफ इंडिया) संबद्धता पर स्पष्ट जानकारी न देकर छात्रों को गुमराह कर रहा था और अवैध रूप से पाठ्यक्रम संचालित किया जा रहा था।

इन्हीं मुद्दों पर शांतिपूर्ण विरोध के दौरान, पुलिस ने सीओ सिटी की मौजूदगी में छात्रों पर अचानक लाठीचार्ज कर दिया, जिसमें दो दर्जन से अधिक कार्यकर्ता गंभीर रूप से घायल हो गए। अभाविप का कहना है कि छात्रों और प्रशासन के बीच संवाद से समस्या का समाधान होना चाहिए था, किंतु पुलिस की बर्बर कार्रवाई पूरी तरह अनुचित और निंदनीय है।

अभाविप के राष्ट्रीय मंत्री अंकित शुक्ल ने कहा—

“विश्वविद्यालय परिसर में छात्रों और प्रशासन के बीच पुलिस का हस्तक्षेप सर्वथा अनुचित है। सीओ के आते ही शांतिपूर्ण छात्रों पर बर्बरतापूर्वक लाठीचार्ज किया गया। हम इस पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच और इसमें शामिल सभी दोषी अधिकारियों तथा विश्वविद्यालय प्रशासन के विरुद्ध कठोरतम दंडात्मक कार्रवाई की मांग करते हैं। छात्रों के साथ अन्याय बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और यदि विद्यार्थियों की मांगें तय समय-सीमा के भीतर पूरी नहीं की गईं तो अभाविप के कार्यकर्ता छात्रहित में आंदोलन करने को बाध्य होंगे, जिसकी पूरी जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश सरकार एवं विश्वविद्यालय प्रशासन की होगी।”

जांचाधिकारी मंडलायुक्त अयोध्या राजेश कुमार और आईजी प्रवीण कुमार ने अभाविप कार्यकर्ताओं को आश्वस्त किया कि इस घटना की निष्पक्ष जांच की जाएगी और दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।