नशा मुक्त भारत अभियान के तहत लखनऊ में राज्य स्तरीय सेमिनार का भव्य आयोजन


मंत्री नितिन अग्रवाल बोले – नशा के खिलाफ जन सहभागिता जरूरी, अमृतकाल में आत्मशुद्धि का संकल्प लें

लखनऊ। 26 जून 2025 को ‘मादक पदार्थों का दुरुपयोग एवं अवैध व्यापार विरोधी अन्तर्राष्ट्रीय दिवस’ के अवसर पर मद्यनिषेध विभाग, उत्तर प्रदेश द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान, लखनऊ में नशा मुक्त भारत अभियान (NMBA) के तहत राज्य स्तरीय सेमिनार, प्रदर्शनी और जन-जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उत्तर प्रदेश सरकार के आबकारी एवं मद्यनिषेध मंत्री नितिन अग्रवाल उपस्थित रहे। उनके साथ विशिष्ट अतिथि के रूप में ब्रजेश शुक्ला, उपाध्यक्ष, राज्य मद्यनिषेध परिषद, तथा अध्यक्षता एल. वेंकटेश्वर लू, अपर मुख्य सचिव, उत्तर प्रदेश शासन ने की।

प्रदर्शनी से आरंभ, जागरूकता का विस्तार

कार्यक्रम की शुरुआत नशामुक्ति प्रदर्शनी के उद्घाटन से हुई, जिसका अवलोकन मंत्री नितिन अग्रवाल ने अन्य अतिथियों संग किया। प्रदर्शनी में मादक द्रव्यों की पहचान, दुष्प्रभाव और निवारण के उपायों को दृश्यात्मक रूप में प्रदर्शित किया गया। इसके उपरांत दीप प्रज्वलन कर सेमिनार का शुभारंभ हुआ।

राज्य मद्यनिषेध अधिकारी आर.एल. राजवंशी ने स्वागत उद्बोधन में विभाग की उपलब्धियों एवं नशा मुक्ति कार्यक्रमों की रूपरेखा प्रस्तुत की।

मंत्री नितिन अग्रवाल का संबोधन

मंत्री नितिन अग्रवाल ने अपने सारगर्भित संबोधन में कहा,
“नशे की प्रवृत्ति युवाओं को भीतर से खोखला कर रही है। यह केवल शारीरिक हानि नहीं, बल्कि पारिवारिक और सामाजिक विघटन का कारण बन रही है। नशे के विरुद्ध सरकार द्वारा ‘एक युद्ध’ चलाया जा रहा है, लेकिन इसमें हर नागरिक की सक्रिय भागीदारी आवश्यक है। जब तक समाज स्वयं आगे नहीं आएगा, तब तक हम इस लड़ाई को पूरी तरह नहीं जीत सकते।”

उन्होंने बताया कि सरकार प्रदेश भर में पुनर्वास केंद्रों की संख्या बढ़ा रही है और विद्यालयों एवं कॉलेजों में नशा विरोधी अभियान को जनांदोलन के रूप में परिवर्तित करने का प्रयास कर रही है।

वरिष्ठ अधिकारियों और विशेषज्ञों का विचार

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए अपर मुख्य सचिव एल. वेंकटेश्वर लू ने कहा,
“मद्य एवं मादक पदार्थों का सेवन व्यक्ति को आत्मविनाश की ओर ले जाता है। अमृतकाल में देश को आत्मनिर्भर और युवा सशक्त तभी बनाया जा सकता है जब हम नशे जैसी आत्मघाती आदतों से मुक्ति पाएं।”

ब्रजेश शुक्ला, उपाध्यक्ष, राज्य मद्यनिषेध परिषद ने कहा,
“नशा सिर्फ कानून से नहीं रोका जा सकता, बल्कि इसके लिए घर-घर जागरूकता, संवाद और आत्मानुशासन जरूरी है।”

बलरामपुर चिकित्सालय के मनोचिकित्सक डॉ. देवाशीष शुक्ला ने मादक पदार्थों के मनोवैज्ञानिक असर और परामर्श की महत्ता को रेखांकित किया। उन्होंने युवाओं को तकनीक और सोशल मीडिया के माध्यम से नशा मुक्ति अभियानों से जुड़ने की प्रेरणा दी।

पूर्व लोक सेवा आयोग सदस्य कृष्णवीर सिंह शाक्य ने महिलाओं और युवाओं की भूमिका पर विशेष प्रकाश डालते हुए कहा कि सामाजिक परिवर्तन की शुरुआत इन वर्गों से ही संभव है।

सम्मान और सहभागिता

कार्यक्रम में 23 जून को आयोजित निबंध, पोस्टर, वाद-विवाद जैसी प्रतियोगिताओं में विजेता प्रतिभागियों को मंत्री नितिन अग्रवाल और अन्य अतिथियों द्वारा सम्मानित किया गया। इस आयोजन में लखनऊ क्षेत्र के कई स्कूल, कॉलेज, स्वयंसेवी संस्थाएं और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भाग लिया।

आयोजन का संचालन और सहयोग

कार्यक्रम का कुशल संचालन जलज मिश्र, पूर्व क्षेत्रीय मद्यनिषेध अधिकारी द्वारा किया गया। आयोजन को सफल बनाने में रमेश कुमार, क्षेत्रीय अधिकारी; बृजमोहन, उपक्षेत्रीय अधिकारी; नीतू वर्मा, जिला अधिकारी सहित विभाग के अनेक अधिकारी और कर्मचारियों का योगदान रहा।