लखनऊ। मुख्तार अंसारी एम्बुलेंस के ड्राइवर सलीम को मंगलवार शाम एक मुठभेड़ के दौरान लखनऊ से STF ने गिरफ्तार कर लिया है। एसटीएफ की टीम की पूछताछ में सलीम ने मुख्तार से करीबी होने का खुलासा किया।
पुलिस की ओर से बाराबंकी में दर्ज केस में मुख्तार के ड्राइवर सलीम, सुरेंद्र के साथ उसके खास गुर्गे अफरोज समेत 10 लोग नामजद हैं। इसमें सलीम व सुरेंद्र ही मुख्तार की गाड़ी चलाते थे।
मुख्तार अंसारी गैंग का सक्रिय सदस्य और उसकी एम्बुलेंस का ड्राइवर सलीम को मंगलवार शाम वाराणसी की एसटीएफ टीम ने लखनऊ में पायनियर स्कूल के पास थाना क्षेत्र जानकीपुरम से कार्रवाई के दौरान पकड़ा है।
एसटीएफ की पूछताछ पर सलीम ने बताया कि लगभग 20 वर्षों से मुख्तार अंसारी के साथ जुड़ा हूं। इससे पहले मुख्तार अंसारी के चचेरे ससुर एवं नन्द किशोर रूंगटा अपहरण में वांछित अताउर्रहमान उर्फ बाबू की कार चलाता था। मुख्तार अंसारी गिरोह के ड्राइवर सलीम पर पुलिस ने 25 हजार का इनाम भी घोषित किया था।
गौरतलब हो कि रोपड़ जेल से पंजाब की अदालत में पेशी के दौरान मुख्तार अंसारी की एम्बुलेंस चर्चा में आई थी। यूपी नंबर की एम्बुलेंस से पंजाब में पेशी की खबर के बाद यूपी सरकार गंभीर हो गई और उसकी पड़ताल शुरू हुई। पुलिस ने एम्बुलेंस केस में मऊ के श्याम संजीवनी अस्पताल की संचालिका डॉक्टर अलका राय और उनके भाई एसएन राय को गिरफ्तार किया था। एम्बुलेंस के फर्जी पंजीकरण दस्तावेजों पर डॉ. अलका राय से साइन कराने वाले मऊ के राजनाथ यादव को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। इन सभी पर फर्जी कागजात के आधार पर एम्बुलेंस का रजिस्ट्रेशन कराने का आरोप है। इसी के बाद इस केस में मुख्तार अंसारी को भी आरोपी बनाया गया था।