लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार के एक जनपद, एक उत्पातद योजना ओडीओपी को डॉ एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वतविद्यालय के तकनीकी संस्थानों के छात्र अब तकनीक से जोड़ेंगे। यही नहीं, प्रबंधन से जुड़े छात्र ओडीओपी उत्पाशदों को अन्त र्राष्ट्रींय व राष्ट्री य बाजार में बेचने की कला कारोबारियों को सिखाएंगे।
एकेटीयू ने उत्तपर प्रदेश सरकार के सूक्ष्मर मध्यीम एवं लघु उद्योग विभाग के एमओयू भी किया। सरकार के साथ मिलकर एकेटीयू ओडीओपी को बढ़ावा देने के लिए छात्रों के बीच सेमेस्टयर परीक्षाओं के बाद हैकाथॉन आयोजित करने जा रहा है। इसमें 250 से अधिक संस्थाथनों के छात्रों के शामिल होने की उम्मीद है। वहीं, ओडीओपी को बढ़ावा देने के लिए लखनऊ विश्वनविद्यालय में एक इनक्यूबेशन सेंटर भी बनने जा रहा है।
मालूम हो कि ओडीओपी उत्तवर प्रदेश सरकार की महत्वाभकांक्षी योजना है। इसका उद्देश्य प्रदेश के अलग अलग जनपदों में बनने वाले उत्पाअदों को अन्तशर्राष्ट्रीय स्त र पर पहचान दिलवाना और कामगारों को रोजगार के अवसर उपलब्धे करा कर उन्हेंल आत्मपनिर्भर बनाना है। उत्तीर प्रदेश में ऐसे उत्पानद बनते हैं, जो पूरे देश में कहीं नहीं बनते हैं।
इसमें प्राचीन एवं पौष्टिक कालानमक चावल, फिरोजाबाद के कांच के उत्पाेद, मुरादाबाद का पीतल उद्योग, दुर्लभ एवं अकल्पनीय गेहूं डंठल शिल्प, विश्व प्रसिद्ध चिकनकारी, कपड़ों पर जरी-जरदोजी का काम, मृत पशु से प्राप्त सींगों व हड्डियों से अति जटिल शिल्प कार्य आदि है। इन कलाओं से ही उन जनपदों की पहचान होती है। इनमें से तमाम ऐसे उत्पाद हैं जो अपनी पहचान खो रहे थे। सरकार उनको ओडीओपी के तहत फिर से पहचान दिला रही है।