नई दिल्ली। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने बाघंबरी मठ में आत्मघाती दृश्य को फिर से बनाया, जहां 20 सितंबर को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी का शव मिला था। केंद्रीय फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (सीएफएसएल) के विशेषज्ञ भी सीबीआई टीम के साथ थे। सीबीआई अधिकारियों ने बलबीर गिरि के ड्राइवर और महंत नरेंद्र गिरि का भी साक्षात्कार लिया और अन्य छात्रों के साथ विस्तृत साक्षात्कार किए। जो उस दिन गिरि के कमरे के दरवाजे में घुस गए थे। अभ्यास रविवार देर रात समाप्त हुआ।
85 किलो वजन की गुड़िया को उसी छत के पंखे से लटका दिया गया था, जो दिवंगत महंत के वजन के अनुरूप था। पूरी प्रक्रिया को वीडियो में रिकॉर्ड किया गया। फॉरेंसिक वैज्ञानिकों ने कमरे की लंबाई, चौड़ाई और ऊंचाई भी मापी।
पूरी प्रक्रिया को किया गया वीडियो में रिकॉर्ड
एक अधिकारी ने कहा कि कमरे की ऊंचाई की जांच कर ली गई है और पंखे तक पहुंचने के लिए रस्सी की लंबाई की जांच कर ली गई है। क्राइम सीन को फिर से बनाया गया और पूरी प्रक्रिया को वीडियो में रिकॉर्ड किया गया। ड्राइवर से पूछा गया कि क्या उसने भिक्षु को मठ से बाहर निकाला है या 20 सितंबर को किसी से मिलना चाहिए। सीएफएसएल टीम ने शव परीक्षण करने वाले डॉक्टरों से भी मुलाकात की।
शनिवार को शुरू की गई थी जांच
शनिवार को जांच शुरू करने वाली दिल्ली मुख्यालय से सीबीआई की 20 सदस्यीय टीम पुलिस लाइंस गेस्ट हाउस में रह रही है और करीब 10 दिनों तक प्रयागराज में डेरा डालेगी। सबसे लंबे प्रश्नों में से एक रसोइया का था जिसने उस दिन मठ में खाना बनाया था।
छात्रों और सेवादारों से अलग-अलग की गई पूछताछ
सीबीआई की टीम ने सेवादारों के नाम से मशहूर बबलू, सुमित और धनंजय के छात्रों से अलग-अलग पूछताछ की। टीम राजस्थान के अलवर में एक प्रसिद्ध दुकान से खाली कैंडी बैग और डिब्बे की उत्पत्ति की भी जांच कर रही है। जो गेस्ट हाउस के कमरे में मेज पर पाए गए थे जहां महंत मृत पाए गए थे।