नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के हाथरस (Hathras Case) में 14 सितंबर को दलित युवती के साथ हुई कथित सामूहिक बलात्कार की घटना में गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया और साथ ही मामले को इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) भेजने का संकेत दिया. कोर्ट ने कहा कि पहले हाई कोर्ट को सुनवाई करने दें, फिर हम यहां से नजर रख सकते हैं. सुनवाई के दौरान पीड़िता की तरफ से वकील सीमा कुशवाहा ने अपनी बात रखी, वहीं यूपी सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल ने तुषार मेहता ने दलील दी.
दिल्ली में ट्रायल चाहता है पीड़ित परिवार
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में पीड़ित परिवार ने मामले की ट्रायल दिल्ली में कराने की अपील की. पीड़िता की तरफ से वकील सीमा कुशवाहा ने कहा कि जांच के बात मामले की ट्रायल दिल्ली ट्रांसफर किया जाए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले में हम आदेश देंगे.
यूपी सरकार को आपत्ति नहीं
पीड़ित परिवार की इस अपील पर यूपी सरकार (UP Government) की ओर से तुषार मेहता ने कहा कि पूरे मामले की मॉनिटरिंग सुप्रीम कोर्ट कर सकता है, इसमें यूपी सरकार को कोई आपत्ति नहीं है. यूपी सरकार निष्पक्ष जांच और न्याय के प्रतिबध्द है. यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में यह भी हामी भरी है कि सीबीआई की स्टेटस रिपोर्ट सीधे सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की जाएगी और इसमें किसी भी राज्य के अधिकारी की भूमिका नहीं होगी. तुषार मेहता ने कोर्ट से कहा कि पीड़ित परिवार चाहता है कि CBI जांच की निगरानी सुप्रीम कोर्ट करे और राज्य सरकार भी यही चाहती है.
पीड़ित परिवार को दी गई सुरक्षा
सुनवाई के दौरान तुषार मेहता ने कहा कि पीड़ित के परिवार को पर्याप्त सुरक्षा दी गई है और घर के बाहर 8 सीसीटीवी लगाए गए हैं, जिनसे निगरानी की जा रही है. इसके अलावा पीड़िता के परिवार के सभी लोगों को 3 लेयर की सुरक्षा में रखा गया है.
मामले की जांच कर रही है सीबीआई
बता दें कि मामले की जांच फिलहाल सीबीआई कर रही है और सीबीआई की टीम ने फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स के साथ मंगलवार को घटनास्थाल का दौरा किया था. सीबीआई ने घटनास्थल का मुआयना करने के बाद पीड़िता के परिवार वालों से भी पूछताछ की थी और उस जगह पर भी गई था, जहां पीड़िता के शव का अंतिम संस्कार किया गया था.