सूरतगंज में नवरात्रि पर भव्य कवि सम्मेलन, कवियों ने मंत्रमुग्ध किया श्रोताओं को

सूरतगंज, बाराबंकी। शारदीय नवरात्रि महोत्सव के अवसर पर रानीगंज दुर्गा पंडाल में बुधवार रात एक भव्य कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। विभिन्न जनपदों से पधारे ख्यातिप्राप्त कवियों ने हास्य, वीर रस, भक्ति और सामाजिक सरोकारों से जुड़ी अपनी रचनाओं की प्रस्तुति देकर उपस्थित श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता सूरतगंज के पूर्व ब्लॉक प्रमुख एवं कमेटी अध्यक्ष बृजपाल सिंह ‘ज्ञानू’ ने की। उन्होंने सभी आमंत्रित कवियों को प्रतीक चिन्ह और अंगवस्त्र प्रदान कर सम्मानित किया।

कार्यक्रम की शुरुआत कानपुर से पधारीं कवयित्री अंकिता शुक्ला ने माँ दुर्गा की स्तुति से की। उनके भावपूर्ण शब्दों “जब से देखा है तुम्हें, तब से लगता न मन, दो तुम्हारे नयन, दो हमारे नयन…” ने भक्तिमय माहौल उत्पन्न किया।

डा. शर्मेश शर्मा ने हास्य और व्यंग्य से भरपूर रचना प्रस्तुत की—”अबकी भैया शिववरदानी का करिहौ, अगले साल होई प्रधानी का करिहौ…”—जिसने दर्शकों के चेहरे पर मुस्कान ला दी। गुले शबा की चुटीली प्रस्तुति “चाहे नथुनी जाए बिकाय, हम तौ लखनऊ घूमै जइबै…” ने भी दर्शकों को हँसी से लोटपोट कर दिया।

देशभक्ति से ओत-प्रोत राजकुमार सोनी ने रचना “हिंदू हिंदुस्तान रहे, भारत का सम्मान रहे…” प्रस्तुत कर कार्यक्रम में एक प्रेरक संदेश दिया। वहीं रणधीर सिंह की माँ की महिमा पर केंद्रित रचना “मां पानी को भी छू ले तो वह गंगाजल हो जाता है…” ने श्रोताओं को भावविभोर कर दिया।

कवि सम्मेलन में अजय प्रधान और नीरज निर्मोही ने भी अपनी रचनाएं प्रस्तुत कीं। पूरी रात चले इस कवि सम्मेलन में तालियों और प्रशंसा की गूँज कभी शांत नहीं हुई।

इस अवसर पर पूर्व सदस्य जिला पंचायत रवींद्र सिंह (पप्पू), दुर्गेश मिश्रा, गौरव मिश्रा, पैनल अधिवक्ता संतोष सिंह, प्रधान प्रतिनिधि आशुतोष सिंह, चंदन सिंह प्रधान, दुर्गेश सिंह, प्रधान राम सिंह रावत, राहुल सिंह भदौरिया, रणवीर सिंह समेत कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।