मनुस्मृति ना कभी भारत का संविधान था और ना कभी हो सकता : स्वामी प्रसाद मौर्य

मैनपुरी/कुरावली। कस्बा गंगापुर रोड स्थित तथागत हेल्थ केयर सेंटर डॉ. प्रमोद शाक्य के यहां आयोजित एक निजी कार्यक्रम में अपनी जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने कई मुद्दों पर बयान दिए।

स्वामी रामभद्राचार्य द्वारा मनुस्मृति को भारत का पहला संविधान बताने पर पलटवार करते हुए मौर्य ने कहा— “मनुस्मृति ना कभी भारत का संविधान था और ना कभी भारत का संविधान हो सकता है। भारत का संविधान वह है, जिसे डॉ. भीमराव अंबेडकर ने तैयार किया और डॉ. राजेंद्र प्रसाद तथा पंडित जवाहरलाल नेहरू ने देश को समर्पित किया।”

उन्होंने कहा कि मनुस्मृति केवल ब्राह्मणों की महिमा का गुणगान करने वाला ग्रंथ है। इसमें शूद्रों को गुलामी और बेगारी के लिए पैदा बताया गया है। मौर्य ने मनुस्मृति को “बकवास का पुलिंदा” बताते हुए कहा कि यह किसी भी स्थिति में देश का संविधान नहीं हो सकता।

सुप्रीम कोर्ट द्वारा शिक्षकों के लिए टीईटी परीक्षा अनिवार्य करने पर उन्होंने इसे अन्याय करार दिया। मौर्य ने कहा कि नियुक्ति के समय ऐसी कोई व्यवस्था नहीं थी, इसलिए अब इसे लागू करना शिक्षकों के साथ नाइंसाफी है। इसमें कहीं न कहीं उत्तर प्रदेश सरकार की मिलीभगत है, इसलिए सरकार इस अन्याय के लिए जिम्मेदार है।

बॉलीवुड एक्ट्रेस दिशा पटानी के घर के बाहर हुई फायरिंग पर भी उन्होंने भाजपा सरकार को घेरा। मौर्य ने कहा कि उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार गुंडा, माफिया और अपराधियों की सरकार बन गई है। अपराधी सत्ता के संरक्षण में खुलेआम कानून की धज्जियां उड़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश जंगलराज का पर्याय बन चुका है, जहां रोजाना दलित, पिछड़े और आदिवासी समाज के नौजवानों की हत्या और महिलाओं के साथ अत्याचार की घटनाएं सामने आ रही हैं।