
टड़ियावां/हरदोई। योगी सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति को जमीनी स्तर पर जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा मजाक बनाए जाने का आरोप सामने आया है। ग्राम पंचायत जपरा में सरकारी योजनाओं में बड़े पैमाने पर अनियमितताओं और भ्रष्टाचार का मामला उजागर हुआ है। शिकायतकर्ता का आरोप है कि विकास के नाम पर सरकारी धन को जमकर लूटा गया, जबकि गांव में कोई भी संतोषजनक विकास कार्य नजर नहीं आता।
शिकायतकर्ता के अनुसार मनरेगा योजना के अंतर्गत कच्चे-पक्के कार्यों में कुल 14 बिंदुओं पर शिकायत दर्ज कराई गई थी, लेकिन जांच के नाम पर जिम्मेदार अधिकारियों ने केवल 11 बिंदुओं की ही जांच की, वह भी महज खानापूर्ति के तौर पर। शिकायतकर्ता का कहना है कि यदि जांच की गई थी तो वह पूरी तरह निष्पक्ष होनी चाहिए थी, लेकिन जांच में गंभीर अनियमितताओं को नजरअंदाज कर दिया गया। जहां गड़बड़ियां पाई गईं, वहां कार्य को पूरा कराने की सलाह देकर मामले को रफा-दफा करने का प्रयास किया गया।
आरोप है कि शारदा नहर से मंशाराम के खेत तक चकरोड मिट्टी कार्य में लगभग 100 मीटर का हिस्सा छोड़ दिया गया, जबकि कागजों में पूरा कार्य दिखाकर भुगतान निकाल लिया गया। इसी तरह जगनू के खेत के चकरोड में कोई कार्य ही नहीं कराया गया। वहीं विमलेश के मकान से राजीव के मकान तक इंटरलॉकिंग का कार्य कराया गया, जिसे मानक के अनुरूप बताया जा रहा है। इसके अलावा कई अन्य कार्य आधे-अधूरे कराकर पूरा बजट खर्च दिखा दिया गया।
इस संबंध में जांच अधिकारी का कहना है कि शिकायतकर्ता की शिकायत की बिंदुवार जांच की जा रही है। अब तक 10 बिंदुओं की जांच पूरी हो चुकी है, शेष बिंदुओं की जांच जारी है। जांच पूरी होने के बाद शिकायत और मौके की स्थिति का मिलान कर आख्या विभाग को भेजी जाएगी।
मौके पर संयुक्त जांच टीम, ग्राम प्रधान, शिकायतकर्ता एवं बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित रहे। ग्रामीणों का कहना है कि यदि समय रहते निष्पक्ष कार्रवाई नहीं हुई तो वे उच्च अधिकारियों से शिकायत करने को मजबूर होंगे।