नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंंद्र मोदी की अध्यक्षता में गुरुवार को BRICS का 13वीं शिखर सम्मेलन हुआ। इस वर्चुअल बैठक में अफ़ग़ानिस्तान का मुद्दा प्रमुख तौर पर उठा। BRICS की इस शिखर सम्मेलन का विषय “निरंतरता, समेकन और आम सहमति के लिए सहयोग” था लेकिन, ध्यान अफगानिस्तान पर केंद्रित रहा। पीएम मोदी ने सम्मेलन में BRICS की उपलब्धियां बताईं तो वहीं रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने अफ़ग़ानिस्तान के हालातों के लिए सीधे तौर पर अमेरिका को जिम्मेदार ठहराया।
तालिबान को लेकर अमेरिका पर रूस का सीधा वार
BRICS के इस सम्मेलन में रूस ने ही प्रमुख तौर पर तालिबान का मुद्दा उठाया। रूस राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिका पर सीधा निशाना साधते हुए कहा कि, अमेरिका अफ़ग़ानिस्तान से लौट गया और तालिबान को छोड़ गया। अमेरिकी सेना की वापसी से दुनिया के लिए एक नया संकट खड़ा कर दिया है। “वैश्र्विक, क्षेत्रीय, सुरक्षा पर इसका क्या असर होगा- अभी कुछ नहीं पता हैै। तालिबान आतंकवाद, ड्रग्स तस्करी का केंद्र न बन जाए।”
तालिबान के मुद्दे पर चीन खामोश
चीन के राष्ट्रपति शी-जिनपिंग ने कहा कि यह BRICS के 15वीं वर्षगांठ है। पिछले 15 साल में हमने राजनीतिक विश्वास बढ़ाया है और कूटनीतिक बातचीत को बढ़ावा दिया है। हमने एक-दूसरे से बातचीत का मजबूत रास्ता निकाला। हमने कई क्षेत्रों में प्रगति की है। हम अपने साझा विकास की यात्रा साथ-साथ कर रहे हैं। हालांकि चीन ने तालिबान के मुद्दे पर कोई चर्चा नहीं की।
क्या है BRICS ?
BRICS 5 बड़े विकासशील देशों- ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका का एक संगठन है। BRICS की महत्ता का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि दुनिया की आबादी का 41 प्रतिशत BRICS देशों में है और दुनिया की 24 प्रतिशत GDP का प्रतिनिधित्व इन्हीं देशों में होता है। साथ ही विश्व व्यापार में BRICS की 16 प्रतिशत हिस्सेदारी है।