Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the wp-statistics domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/ekumjjfz/amarbharti.com/wp-includes/functions.php on line 6114

Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the 3d-flip-book domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/ekumjjfz/amarbharti.com/wp-includes/functions.php on line 6114

Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the updraftplus domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/ekumjjfz/amarbharti.com/wp-includes/functions.php on line 6114

Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the wordpress-seo domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/ekumjjfz/amarbharti.com/wp-includes/functions.php on line 6114
पटरी से उतर सकता है टीबी उन्मूलन अभियान- Amar Bharti Media Group हेल्थ

पटरी से उतर सकता है टीबी उन्मूलन अभियान

कोविड-19 के कारण ट़यूबरक्यूलोसिस (टीबी) के मरीजों की पहचान और इलाज में दिक्कत आ रही है जिससे भारत समेत दुनिया के कई देशों में इस बीमारी से मरने वालों की संख्या इस साल तेजी से बढ़ सकती है।  विश्व स्वास्थ्य संगठन की आज यहाँ जारी वैश्विक टीबी रिपोर्ट, 2०2० में कहा गया है कि कोविड-19 और लॉकडाउन के कारण दुनिया भर के देशों में टीबी के मरीजों की पहचान में काफी कमी देखी गई है।

टीबी के सबसे अधिक मरीजों वाले तीन देशों भारत, इंडोनेशिया और फिलीपींस में साल के पहले छह महीने में नये मरीजों की संख्या में 25 से 3० प्रतिशत की गिरावट आई है। पहचान कम होने से इस साल टीबी से होने वाली मौतों में भारी वृद्धि हो सकती है।

उल्लेखनीय है कि टीबी के मरीजों की पहचान होने के बाद उनका उपचार शुरू होने से इस बीमारी से बचा जा सकता है। नियमित उपचार के अभाव में टीबी से मौत का खतरा काफी अधिक होता है। दुनिया के एक-चौथाई से अधिक टीबी मरीज भारत में हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है “भारत में मार्च के आखिर से लेकर अप्रैल के अंत तक राष्ट्रीय स्तर पर लॉकडाउन के कारण टीबी के नये मरीजों की साप्ताहिक और मासिक संख्या में 5० प्रतिशत से अधिक की गिरावट दर्ज की गई।

इसके बाद मरीजों की पहचान कुछ बढ़ी है, लेकिन जून के अंत तक भी यह मार्च से पहले की तुलना में काफी कम थी। सरकारी और निजी दोनों तरह के अस्पतालों में मरीजों की पहचान में गिरावट रही है।”

भारत ने वर्ष 2025 तक टीबी को पूरी तरह समाप्त करने का लक्ष्य रखा है। मरीजों की पहचान नहीं हो पाने की स्थिति में उनका उपचार शुरू नहीं हो पायेंगा। ऐसे में टीबी उन्मूलन के लक्ष्य में देरी की आशंका है।

रिपोर्ट के अनुसार, देश में जनवरी में टीबी के जितने मरीज सामने आये थे जून में उसकी तुलना में तीन-चौथाई से कम मरीजों की ही पहचान हो पाई है। अप्रैल में यह आँकड़ा घटकर 4० प्रतिशत के आसपास रह गया था।

डब्ल्यूएचओ का अनुमान है कि वर्ष 2019 में देश में 26 लाख 4० हजार टीबी के मरीज थे जो  दुनिया भर में टीबी मरीजों का 26 प्रतिशत है। इनमें 71 हजार एचआईवी से भी  संक्रमित थे। प्रति लाख आबादी में 193 लोग इस रोग की चपेट में थे।

भारत ने  टीबी की स्थिति पर पहले जन सवेर्क्षण की रिपोर्ट वर्ष 2०21 में  जारी करने  का भी लक्ष्य रखा था, लेकिन महामारी के कारण सवेर्क्षण अभी शुरू  भी नहीं  हो पाया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले साल करीब एक करोड़ लोग  टीबी की चपेट में आये जिनमें 3० लाख की तो पहचान ही नहीं हो पाई थी।

दुनिया  में टीबी के कारण वर्ष 2०19 में 14 लाख लोगों की मौत हो गई। इनमें 31  प्रतिशत मामले भारत में से हैं। वहीं टीबी के जो मरीज एचआईवी से संक्रमित  नहीं है उनमें होने वाली मौतों का 36 प्रतिशत भारत होती है।  वैश्विक स्तर पर वर्ष 2015 से 2019 के बीच टीबी के उन्मूलन की दिशा में काफी प्रगति  हुई थी। इस दौरान नये मरीजों की संख्या में नौ प्रतिशत और इस बीमारी से  होने वाली मौतों में 14 प्रतिशत की गिरावट आई थी।