
कुशीनगर जनपद में गुरु-शिष्य की पवित्र परंपरा को कलंकित करने वाला शिक्षक मैनुद्दीन अंसारी अब शिक्षा जगत से बाहर कर दिया गया है। विद्यालय परिसर में छात्रा के साथ अश्लील हरकत करने और उसका वीडियो वायरल होने के मामले में डीआईओएस श्रवण कुमार गुप्त ने मैनुद्दीन को बर्खास्त कर दिया है।
यह कार्रवाई विद्यालय प्रबंध समिति की संस्तुति और तीन सदस्यीय जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर की गई है। उल्लेखनीय है कि इस शर्मनाक घटना के बाद जनआक्रोश भड़क उठा था, लोग सड़कों पर उतर आए थे।
कैसे सामने आया था मामला?
जनपद के कसया थाना क्षेत्र के मल्लूडीह स्थित कृषक इंटर कॉलेज में तैनात सहायक अध्यापक मैनुद्दीन अंसारी का एक वीडियो अप्रैल 2025 में वायरल हुआ था, जिसमें वह विद्यालय की छात्रा के साथ स्काउट कक्ष में अश्लील हरकत करते दिख रहा था।
वीडियो में अश्लीलता की सारी हदें पार हो रही थीं, जिसे देखकर ग्रामीणों में गुस्सा भड़क गया। लोगों ने विद्यालय गेट पर प्रदर्शन किया और आरोपी शिक्षक की बर्खास्तगी की मांग की।
गिरफ्तारी और जांच की कार्रवाई
वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने मैनुद्दीन को गिरफ्तार कर POSCO एक्ट की धारा 68(2), 351(3), 3/4 के तहत मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया था।
इधर, डीआईओएस ने 8 अप्रैल को तत्काल प्रभाव से उसे निलंबित करते हुए मामले की विस्तृत जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम गठित कर दी थी, जिसकी अगुवाई तत्कालीन कार्यवाहक प्रधानाचार्य कर रहे थे।
जांच समिति ने क्या कहा?
2 जुलाई 2025 को सौंपी गई रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से कहा गया
“पीड़िता संस्था की अध्ययनरत छात्रा है। एक शिक्षक का इस प्रकार का अनैतिक कृत्य न सिर्फ विद्यालय बल्कि समाज के लिए भी अत्यंत घृणित है। मैनुद्दीन का ऐसा आचरण शिक्षक पद पर पुनः नियुक्ति के योग्य नहीं है।”
इसके आधार पर विद्यालय प्रबंध समिति ने 12 जुलाई 2025 को प्रस्ताव संख्या-2 पारित कर मैनुद्दीन अंसारी को सेवा से हटाने की संस्तुति की।
डीआईओएस ने लिया अंतिम फैसला
जांच समिति की रिपोर्ट और प्रबंध समिति की अनुशंसा के आधार पर डीआईओएस श्रवण कुमार गुप्त ने माध्यमिक शिक्षा अधिनियम 1921 की धारा 16(छ), बिंदु 32(1) के तहत “यौन प्रतिकूलता, नैतिक अधमता और पद का घोर दुरुपयोग” मानते हुए मैनुद्दीन अंसारी को सेवा से बर्खास्त कर दिया।
फ्लैशबैक: जब उफना उठा था जन आक्रोश
स्कूल की छात्रा के साथ अश्लील हरकत के वायरल वीडियो ने पूरे क्षेत्र को हिला दिया था। ग्रामीणों ने आरोपी शिक्षक की जमकर पिटाई कर दी और स्कूल पर प्रदर्शन कर उसे तत्काल बर्खास्त करने की मांग की।
पुलिस द्वारा गिरफ्तारी के बाद लोगों को कुछ राहत मिली, लेकिन सभी की निगाहें प्रशासनिक कार्रवाई पर टिकी थीं। आखिरकार, अब जब मैनुद्दीन को सेवा से बाहर कर दिया गया है, तो क्षेत्र में लोगों ने प्रशासन के निर्णय का स्वागत किया है।
समाज और शिक्षा के लिए चेतावनी
यह घटना समाज के लिए चेतावनी है कि शिक्षा के मंदिरों में ऐसे पापियों की कोई जगह नहीं होनी चाहिए। गुरु का चोला पहनकर जो शिक्षक अपनी मर्यादा खोते हैं, उनके लिए समाज में कठोरतम सजा ही एकमात्र विकल्प होनी चाहिए।