पशुपालन के क्षेत्र में बनाना होगा आत्मनिर्भर: आनंदीबेन
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने मंगलवार को पंड़ित दीनदयाल उपाध्याय पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय एवं गो अनुसंधान मथुरा के दसवें दीक्षान्त समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि भारत जैसे कृषि प्रधान देश में पशुपालन एक अहम आजीविका का स्रोत है।
उन्होंने कहा की पशु धन क्षेत्र में निरन्तर प्रगति ने भारत को दुनिया भर में सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक देश बनाया है। राष्ट्र के विकास के लिए दुग्ध प्रसंस्करण क्षमता को वर्ष 2025 तक दोगुना करने एवं पशुओं को रोगमुक्त करने का लक्ष्य है। इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए पशु विशेषज्ञों को किसानों एवं पशुपालको के बीच समन्वय स्थापित कर नवीनतम तकनीकियों का आदान-प्रदान करना होगा।
राज्यपाल ने विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि समाज में प्रचलित कुरीतियों एवं कुप्रथाओं को समाप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायें। युवा देश को अग्रेतर ऊचाँइयों तक पहुंचाने में योगदान करें। उन्होंने कहा कि प्रत्येक छात्र का दायित्व है कि वे अपने कर्तव्यों का पालन कर्मनिष्ठा से करें।
राज्यपाल ने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि हर कदम पर चुनौतियों का सामना करते हुए आप एक आत्म विश्वासी नागरिक बनकर उभरेंगे तथा अनुशासन, परिश्रम, ईमानदारी एवं जिम्मेदारियों के पथ पर चलकर आप देश के सामाजिक एवं आर्थिक विकास में एक सशक्त माध्यम बनेंगे। उन्होंने कामना व्यक्त करते हुए कहा कि आप गरीब बच्चों को स्वच्छता, पोषण एवं साक्षर होने के लिए जरूर प्रोत्साहित करें।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में कृषि वैज्ञानिक चयन मण्डल, नई दिल्ली के अध्य़क्ष प्रो एके मिश्रा, उत्तर प्रदेश सरकार के पशुधन, मत्स्य एवं दुग्ध विकास मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी, विशिष्ट अतिथि के रूप में पशुविज्ञान, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् नई दिल्ली के उपमहानिदेशक डॉ बीएन त्रिपाठी, राज्यपाल के अपर मुख्य सचिव महेश कुमार गुप्ता, विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो गिरिजेश कुमार सिंह तथा कार्य परिषद एवं विद्या परिषद के सदस्यों सहित अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।